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यूनिवर्सिटी में रजिस्टर्ड डीएटीटीएन एंड प्रोफेसर ऑफ न्यूट्रीशन के लेखक कैथरीन फील्ड के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में शिशु के मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के विकास के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में डीएचए, यानि ओमेगा-3 की श्रृंखला में शामिल पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (ओमेगा 3-LCPUFA) की आवश्यकता होती है। डीएचए मुख्य रूप से मछली और अन्य सी फूड्स में पाया जाता है।
कैथरीन के अनुसार एक व्यक्ति के शरीर में हर सेल की झिल्ली ओमेगा -3 फैटी एसिड की होती है। इन्हें विकसित और कार्य करने के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड की जरूरत होती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में ज्यादा रेड सेल्स प्रोडक्शन के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड की जरूरत होती है। इससे गर्भवती महिला अपने शिशु को पर्याप्त पोषक तत्व और ऑक्सीजन प्रदान कर पाती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड की जरूरत नाल के बढ़ने और काम करने में मदद करने के लिए भी पड़ती है।
एक शोध में पाया गया कि डीएचए का कम सेवन करने वाली माताओं के बच्चों में संज्ञानात्मचक विकास कम पाया जाता है। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में ओमेगा-3 की कमी के कारण आईक्यू लेवल और ध्यान की कमी भी पाई जाती है।
इसके अलावा पशुओं और मनुष्यों पर किए शोध के अनुसार, ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान ओमेगा-3 के कम सेवन से शिशुओं इम्यूनिटी के विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से गर्भ में पल रहे शिशु में अस्थमा और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है।