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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आठ साल पूरी कर रही है। यह आठ साल शासन और प्रशासन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहे हैं। इस आठ सालों के कार्यकाल में देश में शासन और शासक की परिभाषा बदल गई है। भारत की राजनीति में सिर्फ राजनीति करने,चुनाव लड़ने और सत्ता हासिल करने की रीति-नीति पर विराम लग गया है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने राजनीति की रीति-नीति के साथ ही सरकार की संरचना और स्वभाव में भी बदलाव लाया है। इस सरकार ने शासक नहीं, बल्कि सेवक की भूमिका दिखाई है। शासन में सुशासन की स्थापना हुई है। भाजपा सरकार ने राष्ट्र के लिए सेवा, साधना, सहयोग और समर्पण का मार्ग चुना है। उसने अपने प्रशासनिक कार्यों को अपना सामाजिक दायित्व समझकर निभाया है। एक जिम्मेदार सरकार के रूप में मोदी सरकार देश ही नहीं पूरी दुनिया में विख्यात हुई है। यही कारण है कि आठ साल पहले प्रधानमंत्री का पद संभालते ही नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे प्रधान सेवक के रूप में देश की जनता की सेवा करेंगे। वैसे जनसंघ काल से ही इस राजनीतिक संगठन का मूल आधार सेवा ही रहा है। देश में जब भी कोई संकट आया है तो जनसंघ और भाजपा के कार्यकर्ता लोगों की सेवा में आगे आते रहे हैं। अन्य राजनीतिक दलों के लिए राजनीति सत्ता तक पहुंचने का साधन और सत्ता सुख का साधन रहा है। किन्तु, भारतीय जनता पार्टी के लिए राजनीति एक साधना रही है और सत्ता सेवा का माध्यम। इसके कार्यकर्ता साधक के रूप में समाज और देश में लोगों के साथ खड़े रहे हैं। चाहे प्राकृतिक आपदा हो अथवा संकट का कोई अन्य क्षण, भाजपा के कार्यकर्ता लोगों की मदद हेतु आगे आते रहे हैं। फिर सत्ता में आते ही देश को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद को समर्पित करते रहे हैं। समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के उद्देश्य के साथ सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास मूल मंत्र हो जाता है।