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महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर सियासी संकट खड़ा हो गया है

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महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर सियासी संकट खड़ा हो गया है। दरअसल शिवसेना में बगावत छिड़ गई है। बता दें कि शिवसेना के वरिष्ठ विधायक और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के गुजरात पहुंचने के बाद उद्धव सरकार पर संकट गहरा गया है। एकनाथ शिंदे 20 विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में मौजूद हैं। इसमें शिवेसना और उद्धव सरकार का समर्थन करने वाले कई निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद सीएम उद्धव को सत्ता बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।

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ये है सीटों का गणित

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आपको बता दें कि महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, इसके लिहाज से सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए। तो वहीं शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए। बगावत से पहले शिवेसना की अगुवाई में बने महा विकास अघाड़ी के 169 विधायकों का समर्थन हासिल था, जबकि बीजेपी के पास 113 विधायक और विपक्ष में 5 अन्य विधायक हैं।

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उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को 169 विधायकों का समर्थन हासिल था। इसमें शिवसेना के 56,  एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक शामिल थे। इसके अलावा सपा के 2, पीजीपी के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार को हासिल था।

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महाराष्ट्र में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के पास 113 विधायकों का समर्थन है। इसमें बीजेपी के 106, आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। वहीं, अन्य दलों के पास 5 विधायक हैं। इसमें AIMIM के 2, सीपीआई का (एम) 1 और एमएनएस का 1 विधायक शामिल हैं।

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महाराष्ट्र में छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों की संख्या 29 है। इसमें से कुछ छोटे दल और निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ हैं तो कुछ महा विकास अघाड़ी के साथ। बीजेपी के पास 113 विधायकों का समर्थन है जबकि विकास अघाड़ी के पास 169 विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी को महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों के समर्थन का जुगाड़ करना होगा।

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बता दें कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सत्ता के लिए दोनों ही दलों की राहें जुदा हो गई थीं। शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ कर अपने विरोधी विचारधारा वाले दलों कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने और उनकी सरकार ढाई साल का वक्त पूरा कर चुकी है।

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सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी के कई बड़े नेता दावा करते रहे कि महा विकास आघाड़ी सरकार जल्दी गिरने वाली है। ऐसे में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद क्या उद्धव सरकार गिर सकती है ये देखने वाली बात होगी।

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