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देशभर में अब बिजली फिर से महंगी होने जा रही है .
खाद्य जिंसों और ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों की जेब अब महंगी बिजली से कटने वाली है। दिल्ली में बिजली दरें बढ़ गई हैं जबकि मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में बढ़ाने की तैयारी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के नियामक भी प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। कोयला और गैस महंगी होने के चलते बिजली उत्पादन लागत बढ़ गई है। इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनियां ऊंची दर पर बिजली खरीद रही हैं.. घाटे की भरपाई के लिए बिजली खरीद समायोजन चार्ज लगाया जाता है।
करोड़ों उपभोक्ताओं से अधिभार के रूप में पीपीएसी की वसूली होगी। दिल्ली में पीपीएसी चार प्रतिशत तक बढ़ा है। इसके अनुसार बिजली बिल दो से छह प्रतिशत बढ़ सकता है। दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) की मंजूरी के बाद डिस्कॉम ने इस पर अमल शुरू किया है। जुलाई से उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल चुकाना होगा। लागत के आधार पर बिजली दरों-अधिभार में वृद्धि को मंजूरी राज्य बिजली नियामक देता है। बिजली मंत्रालय के आदेशानुसार 25 राज्यों-केंद्र शासित क्षेत्रों ने ईंधन अधिभार समायोजन फॉर्मूला लागू किया है। दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली फ्री है। महाराष्ट्र राज्य बिजली नियामक ने 20 प्रतिशत तक वृद्धि को अनुमति दी है। इसके अनुसार बिजली बिल 10 से 20 प्रतिशत के बीच बढ़ सकता है। महाराष्ट्र के 3.25 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को पहले के मुकाबले ज्यादा बिल चुकाना होगा