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राष्ट्रपति चुनाव: द्रोपदी मुर्मू के समर्थन बारे बड़ा विभाजन , आज कांग्रेस की मीटिंग

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नई दिल्ली : राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को महाराष्ट्र की शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की ओर से विपक्ष में नए सिरे से विभाजन शुरू हो गया है. ताजा घटनाक्रम में बन रहे नए राजनीतिक क्रम के बीच कांग्रेस आज अहम बैठक करेगी. झारखंड में कांग्रेस के सहयोग से झामुमो की सरकार बनी है. पहले यह उम्मीद जाहिर की जा रही थी कि झामुमो विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगी, लेकिन झारखंड के पूर्व राज्यपाल और आदिवासियत के मुद्दे पर उसने एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देना उचित समझा. इसी के साथ झामुमो का द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आने के बाद उनके वोट की हिस्सेदारी 60 फीसदी से अधिक हो गई है. रांची में बैठक करेगी कांग्रेस मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद झारखंड में झामुमो की ओर से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के ऐलान के बाद कांग्रेस ने झामुमो के साथ रिश्ते पर विचार करने के लिए शुक्रवार को रांची में बैठक बुलाई है. इसमें वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम और समीकरणों पर चर्चा की जाएगी.

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मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक महीने के दौरान यह दूसरा ऐसा मौका होगा, जब झारखंड में कांग्रेस को झटका लगा है. राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस को लगा था झटका मीडिया की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि पिछले महीने संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एकतरफा फैसला करते हुए अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया था. हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस अपनी दावेदारी जता रही थी. उस वक्त भी कांग्रेस ने अपने तेवर दिखाए थे, लेकिन गठबंधन बना रहा. इस बार जब राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशियों के समर्थन देने की बात सामने आई, तब झामुमो ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने की बजाय द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देना ज्यादा उचित समझा. समर्थन के ऐलान के बाद झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने पार्टी के सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. शिवसेना ने मंगलवार को द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का किया था ऐलान बता दें कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की. आदिवासी समुदाय से आने वाली मुर्मू के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है. वहीं, यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाने वाले विपक्ष में नए सिरे से विभाजन नजर आ रहा है. इससे द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी होता दिखाई दे रहा है. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि शिवसेना का समर्थन मिल जाने के बाद राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने वाले दलों की वोट हिस्सेदारी 60 फीसदी के पार पहुंच गई है. 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं द्रौपदी मुर्मू बता दें कि आगामी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू जीत हासिल करती हैं, तो वह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी. वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनी थीं. एक महिला राज्यपाल के तौर पर उन्होंने वर्ष 2015 से लेकर 2021 तक कार्य किया. द्रौपदी मुर्मू 2013 से 2015 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य रह चुकी हैं. इसके बाद वर्ष 2010 और 2013 में मयूरभंज (पश्चिम) के भाजपा जिला प्रमुख के रूप में कार्य किया. वर्ष 2006 और 2009 के बीच वह ओडिशा में भाजपा के एसटी मोर्चा की प्रमुख थीं. वह 2002 से 2009 तक भाजपा एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं.

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