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नागौर – जयपुर ; सरपंचों व ग्राम विकास अधिकारियों और सरकार के बीच मांगों को लेकर बने गतिरोध से प्रदेशभर में पंचायती राज संस्थाओं में कामकाज ठप होने की आशंका गहरा गई है। सरपंचों के महापड़ाव की घोषणा के बाद गुरुवार रात तक राज्य सरकार की ओर से वार्ता के लिए कोई आमंत्रण नहीं मिला है। ऐसे में राजस्थान सरपंच संघ ने भी मानसरोवर स्थित महापड़ाव स्थल पर शुक्रवार से आंदोलन शुरू करने की तैयारी कर ली है। इधर, पंचायत राज मंत्री से लिखित समझौता लागू नहीं करने के विरोध में ग्राम विकास अधिकारियों ने भी गुरुवार से राज्यभर में कलम बंद आंदोलन शुरू कर कामकाज बंद कर दिया।
सरपंच संघ का आरोप है कि सरकार से कई दौर के वार्ता के बावजूद उनकी मांगें नहीं मानी जा रही। इसके अलावा पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा ने नागौर दौरे में अनियमितता मिलने पर सरपंचों पर घोटाले का आरोप लगाया। हालांकि मीणा ने सरपंचों के खिलाफ ऐसे किसी आरोप से इनकार किया है।
: महापड़ाव में शामिल होने के लिए नागौर से बड़ी संख्या में सरपंचों ने जयपुर कूच किया। देर रात तक करीब 500 सरपंचों ने महला में डेरा डाल दिया। सरपंच संघ के अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल के अनुसार शुक्रवार को सभी सरपंच मानसरोवर के शिवचौधरी नगर में एकत्र होंगे। सरकार से मांगें मनवाने का प्रयास किया जाएगा।