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कर्नाटक में नाबालिग बच्चियों से रेप के आरोपी लिंगायत धर्मगुरु के मठ में वापस लौटे पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। धर्मगुरु के खिलाफ लोग सख्त ऐक्शन की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। लिंगायत मठ के धर्मगुरु शिवमूर्ति मुरुगा को सोमवार को हिरासत में लिया गया था। मैसुरू पुलिस स्टेशन में शिवमूर्ति मुरुगा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दो नाबालिग बच्चियों की शिकायत के आधार पर पॉक्सो ऐक्ट के तहत यह केस दर्ज किया गया है। इस बीच मठ में वापस लौटे शिवमूर्ति मुरुगा ने कहा, ‘आप सब लोग मेरे साथ हैं और यही मेरी हिम्मत है। डरने की कोई बात नहीं है। कानून का सम्मान करना होगा। समर्थन का आधार यहां मौजूद है। मैं आप सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं।
इस बीच चित्रदुर्ग जिले में आंदोलन शुरू हो चुके हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस की ओर से मठाधीश के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। आंदोलनकारियों ने कहा कि कल रात ही शिवमूर्ति मुरुगा के मेडिकल टेस्ट हो चुके थे, लेकिन उसके बाद भी कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। यही नहीं जिस एनजीओ की ओर से पुलिस को मामले की जानकारी दी गई थी, उसके प्रतिनिधियों को भी थाने में एंट्री नहीं दी गई। लिंगायत मठ की ओर से संचालित स्कूल में पढ़ने वाली दो छात्राओं ने ‘ओदानादि सेवा समस्थे’ नाम के एनजीओ में संपर्क करके मदद मांगी थी। इन छात्राओं की ओर से आरोप लगाया गया है कि शिवमूर्ति मुरुगा ने उनका रेप किया था।
यह एनजीओ मानव तस्करी को रोकने के लिए काम करता है। एनजीओ ने मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला बाल कल्याण समिति को इसके बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था। शिकायत में कहा गया कि 15 और 16 साल की पीड़िताओं का उस दौरान रेप किया गया, जब वे लिंगायत मठ के हॉस्टल में रहती थीं। इन छात्राओं का आरोप था कि उनका करीब 3.5 सालों तक रेप किया गया था। पुलिस ने जिला बाल संरक्षण यूनिट की ओर से शिकायत के आधार पर कुल 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इन लोगों में शिवमूर्ति मुरुगन भी शामिल हैं। इसके अलावा मठ के हॉस्टल का वार्डन का नाम भी इन लोगों में शामिल है।