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J&K में चुनावी खेल बदलेंगे 25 लाख ‘बाहरी’ वोटर, आयोग के आदेश पर भड़की NC; भाजपा बोली- संविधान लागू

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जम्मू-कश्मीर में अगले साल तक विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले केंद्र शासित प्रदेश में वोटर लिस्ट को लेकर घमासान शुरू हो गया है। दरअसल जम्मू प्रशासन की ओर से सभी तहसीलदारों और रेवेन्यू ऑफिसरों को आदेश दिया गया है कि वे एक साल से शहर में रह रहे लोगों को निवास का प्रमाण पत्र जारी करें। इस सर्टिफिकेट के आधार पर एक साल से जम्मू में रह रहे लोगों को वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इस आदेश को लेकर बवाल शुरू हो गया है और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि भाजपा साजिश रच रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि भाजपा तो पता है कि जम्मू-कश्मीर के मतदाता उसे हरा देंगे, इसलिए वह नए वोटरों को जोड़ रही है।

जम्मू के बाद अन्य जिलों में भी यह आदेश जल्दी ही जारी किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि इस फैसले से जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में 25 लाख नए वोटर शामिल हो जाएंगे। इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेश के मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ के पार हो जाएगी, जो अभी 78 लाख ही है। जम्मू के जिला निर्वाचन अधिकारी अवनी लवासा की ओर से आदेश जारी कर तहसीलदारों को एक साल से रह रहे लोगों को निवास प्रमाण पत्र जारी करने को कहा है। उन्होंने निवास के प्रमाण के लिए कुछ दस्तावेजों की लिस्ट भी बताई है, जिन्हें आवेदन के लिए स्वीकार किया जा सकता है।

इन दस्तावेजों के आधार पर मिलेगा निवास प्रमाण पत्र

ये दस्तावेज हैं, पानी, बिजली या फिर गैस कनेक्शन की कॉपी। इसके अलावा आधार कार्ड, डाकघर या बैंक पासबुक, भारतीय पासपोर्ट, किसान बही समेत भूमि रिकॉर्ड, रेंट एग्रीमेंट और सेल एग्रीमेंट। इसे लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमला बोला है और चुनाव आयोग की आड़ में भाजपा की साजिश बताया है। वहीं भाजपा ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि यह एकदम सही फैसला है। रविंदर रैना ने कहा, ‘संविधान के अनुसार ही काम हो रहा है। नियम के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जो एक साल से किसी नए स्थान पर रहा हो, वह पुरानी जगह लिस्ट से अपना नाम कटवाकर नए स्थान पर जुड़वा सकता है। उसी के तहत यह आदेश जारी किया गया है। अब तक आर्टिकल 370 लागू होने के चलते यह नियम नहीं लागू हो पा रहा था।

आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार होगा चुनाव

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल वोटर लिस्ट तैयार की जा रही है और इस साल के अंत तक यह काम पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद अगले साल तक राज्य में चुनाव कराए जा सकते हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार चुनाव होने वाले हैं। केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर के इस चुनाव पर सभी की नजरें होंगी।

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