Report Times
latestOtherटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदेशराजनीतिस्पेशल

कितनी मजबूत होगी ‘नई’ कांग्रेस! 137 साल में छठी बार हुआ अध्यक्ष का चुनाव; नतीजा कल

REPORT TIMES 

Advertisement

देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस अब बदलाव के दौर में है। 24 सालों के बाद उसे गांधी-नेहरू परिवार से बाहर का कोई अध्यक्ष मिलने वाला है। इसके अलावा 137 सालों के इतिहास में यह छठा मौका है, जब अध्यक्ष पद के लिए चुनाव किया गया है। अब नतीजा आने में घंटों का ही वक्त बाकी है और बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे या शशि थरूर में से कोई एक नेता अध्यक्ष के तौर पर चुन लिया जाएगा। माना जा रहा है कि गांधी परिवार और अन्य सीनियर नेताओं का समर्थन खड़गे को था, इसलिए वही जीत हासिल करेंगे। ऐसे में सवाल यह भी है कि परंपराओं से अलग चलने की कोशिश कर रही नई कांग्रेस को वह कितना मजबूत कर पाएंगे।

Advertisement

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत करीब 9500 डेलीगेट्स (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) ने पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान किया था। कांग्रेस की चुनाव समिति के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बताया था कि करीब 96 प्रतिशत मतदान हुआ, हालांकि पूरे आंकड़े आने के बाद इसमें कुछ बदलाव हो सकता है। मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर इस चुनाव में उम्मीदवार हैं। गांधी परिवार से करीबी और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के चलते खरगे की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।

Advertisement

Advertisement

मतदान से पहले सोनिया गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रही थी।’ कांग्रेस के करीब 9900 डेलीगेट पार्टी प्रमुख चुनने के लिए मतदान करने के पात्र थे। कांग्रेस मुख्यालय समेत लगभग 68 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं। इस बार पूरे 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है।

Advertisement

खड़गे ने किया साफ, गांधी परिवार की छाया से नहीं जाएंगे बाहर

Advertisement

उन्होंने बताया कि इस चुनाव से 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा। इससे पहले सीताराम केसरी गैर-गांधी अध्यक्ष रहे थे। थरूर ने निर्वाचकों से ‘बदलाव अपनाने’ का साहस दिखाने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा था कि वह जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं, उनमें पार्टी के ‘‘मूल्यों’’ में कोई बदलाव नहीं होगा और केवल लक्ष्य पाने के तरीकों में परिवर्तन आएगा। वहीं, खड़गे ने रविवार को कहा था कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई झिझक नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने काफी संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में बड़ा योगदान दिया है।

Advertisement
Advertisement

Related posts

शिंंदे को हटाने का अधिकार उद्धव के पास नहीं, विधायकों पर फैसला पढ़ते वक्त स्पीकर

Report Times

जन्माष्टमी पर गौपुत्र मंडली ने जीती मटकी फोड़ प्रतियोगिता

Report Times

कोडरमा : स्टाफ की लापरवाही से गई महिला की जान

Report Times

Leave a Comment