दिल्ली। रिपोर्ट टाइम्स।
नोएडा में हजारों होम बायर्स के लिए राहतभरी खबर है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा प्राधिकरण को सेक्टर 50 में मेघदूतम आवास परियोजना में फ्लैट रजिस्ट्री के लिए आगे बढ़ने को कहा है. हाईकोर्ट के इस फैसले से उनलोगों को राहत मिली है जिन्होंने इस प्रोजेक्ट में फ्लैट लेने के लिए पूरे पैसे भर दिए हैं और उन्हें अब तक रजिस्ट्री नहीं मिली है.
जल्द मिलेगी रजिस्ट्री
जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने 19 निवासियों द्वारा दायर याचिका का जवाब देते हुए 15 जनवरी को अंतरिम आदेश जारी किया. कोर्ट ने प्राधिकरण को एक दशक पहले जारी अधिभोग प्रमाणपत्र के आधार पर रजिस्ट्रियां करने का निर्देश दिया. इसने प्राधिकरण से बिल्डर, टीजीबी इंफ्रा डेवलपर्स से बकाया की वसूली को आगे बढ़ाने के लिए भी कहा.
पीठ ने कंपनी से बकाया राशि वसूलने में प्राधिकरण द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं करने की आलोचना की. इसमें कहा गया है कि अनिल कुमार साहा – टीजीबी इंफ्रा के निदेशकों में से एक ने 39 अन्य सक्रिय रियल एस्टेट कंपनियों में पद संभाला, जिसने प्राधिकरण को बकाया की वसूली के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए. जहां साहा जेल में हैं, वहीं दो अन्य निदेशकों का पता नहीं चल पाया है. साहा के वकील ने अदालत को बताया कि उनका मुवक्किल रकम चुकाने की स्थिति में नहीं है.
कोर्ट ने जारी किया आदेश
अदालत ने साहा के वकील की बात सुनकर कहा कि हम एक अंतरिम परमादेश जारी करते हैं जिसमें नोएडा प्राधिकरण को याचिकाकर्ताओं के पक्ष में त्रिपक्षीय उप-पट्टे निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है, जिन्होंने स्वीकार किया है कि पूरी राशि का भुगतान कर दिया है और प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त अधिभोग प्रमाणपत्र के आधार पर अपने फ्लैटों पर कब्जा कर रहे हैं.
इतनी है बकाया राशि
मेघदूतम परियोजना, जिसमें 12,750 वर्गमीटर में 173 इकाइयां शामिल हैं, को 2008 में टीजीबी इंफ्रा को आवंटित किया गया था. प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार, इसकी बकाया राशि शुरुआत में 55.3 करोड़ रुपये थी, लेकिन दो साल की शून्य छूट के बाद यह घटकर 43.7 करोड़ रुपये हो गई.