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गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के सीनियर नेता और 4 बार के विधायक जय नारायण व्यास ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं उन्होंने कांग्रेस या आम आदमी पार्टी में शामिल होने का भी विकल्प खुला रखा है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व्यास ने कहा, ‘मैं बीजेपी में परेशान था। इसलिए पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। मैंने अपने लिए सभी विकल्पों को खुला रखा है। मैं सिद्धपुर विधानसभा सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा।’ इस्तीफे के पत्र में जय नारायण व्यास ने निजी कारणों को वजह बताया है।
कांग्रेस के एक नेता ने माना है कि जय नारायण व्यास की पार्टी लीडरशिप से बात चल रही है। उनका कहना है कि सिद्धपुर विधानसभा सीट से जय नारायण व्यास टिकट चाहते हैं और इसके लिए पार्टी से संपर्क में बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे में यह बात सामने आई है कि अब भी वह सिद्धपुर विधानसभा सीट से सबसे लोकप्रिय नेता हैं। वह यहां से 7 बार चुनाव लड़ चुके हैं और 4 बार जीत हासिल कर चुके हैं। हालांकि 2017 में वह इस सीट से हार गए थे और कांग्रेस के चंदाजी ठाकोर ने जीत हासिल की थी। अब देखना होगा कि उन्हें कांग्रेस से मौका मिलता है या फिर वह आम आदमी पार्टी में शामिल होते हैं।
जय नारायण व्यास के कद का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 2007 में सिद्धपुर से कांग्रेस के बलवंत सिंह राजपूत को हराने के बाद उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया था। वह फैमिली वेलफेयर ऐंड हेल्थ मिनिस्टर थे। आम आदमी पार्टी के सूत्रों का भी कहना है कि व्यास से बात चल रही है। यदि बात सफल होती है तो व्यास को पार्टी में शामिल किया जा सकता है। सरदार सरोवर डैम प्रोजेक्ट का भी वह नेतृत्व कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि वह भाजपा में टिकट की उम्मीद नहीं कर रहे थे। पार्टी छोड़ने की यह भी एक वजह है।