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बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की विधायकी जाने से खाली हुई यूपी के मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट पर भी 5 दिसम्बर को ही उपचुनाव होगा। इसी दिन सपा संस्थापक मुलायम सिंह के निधन से खाली हुई मैनपुरी संसदीय और हेट स्पीच मामले में आजम खां के सजा पाने से खाली हुई रामपुर विधानसभा सीट पर भी वोट डाले जाएंगे। चुनाव आयोग ने मैनपुरी और रामपुर का चुनाव कार्यक्रम पहले ही घोषित कर चुका है। खतौली सीट को भी 11 अक्टूबर से खाली मानते हुए सोमवार को अधिसूचना जारी की गई गई थी। अब नामांकन से लेकर मतदान और मतगणना की तारीखों का ऐलान हुआ है।
घोषित कार्यक्रम के अनुसार खतौली उपचुनाव की मतगणना भी आठ अक्टूबर को कराई जाएगी। 18 वीं विधानसभा में अब तो दो विधायकों की सदस्यता खत्म हो चुकी है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने विधिक राय मिल जाने के बाद खतौली सीट रिक्त घोषित करने का निर्णय लिया और सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी। इसमें कहा गया है कि एमपी एमएलए कोर्ट ने विक्रम सैनी को दो साल की सजा और 5000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अत: चुनाव आयोग के पत्र द्वारा दी सूचना के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में विक्रम सैनी 11 अक्तूबर 2022 से अयोग्य माने जाएंगे और उनकी सीट रिक्त घोषित हो गई है।
बता दें कि मुजफ्फरनगर के दंगों के मामले में विक्रम सैनी को दो साल की सजा सुनाई गई। इससे पहले आजम खां की रामपुर सीट से सदस्यता भी जा चुकी है। इस सीट पर अब उपचुनाव होने जा रहा है। रामपुर में उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। रामपुर में भी पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे।
मुजफ्फरनगर दंगे में ठहराए गए थे दोषी
मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान कवाल में सचिन और गौरव की हत्या के अगले दिन दो पक्षों के बीच हुए बवाल में नामजद खतौली विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया था। एडीजे कोर्ट ने इन सभी को दो-दो साल कारावास एवं 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। जमानत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी को 25 25 हजार रुपये के बंधपत्र पर जमानत दे दी थी। साक्ष्य के अभाव में 15 आरोपियों को बरी कर दिया गया है जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-4 गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में हुई।
अधिवक्ता के अनुसार कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विधायक विक्रम सैनी सहित 12 आरोपियों को विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया, जबकि इन सभी को धारा 307 के आरोपों से बरी कर दिया। कोर्ट ने विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को दो-दो साल की कारवास एवं 10 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अस मामले में 15 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया। विधायक विक्रम सिंह के अधिवक्ता भरतवीर अहलावत ने बताया कि उनकी ओर से कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी।
ये है पूरा मामला
27 अगस्त 2013 को कवाल कांड के बाद 28 अगस्त की शाम कवाल में तोड़फोड़ और मारपीट हुई थी। बाद में 29 अगस्त को दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया था। इस मामले में जानसठ पुलिस ने विधायक विक्रम सैनी समेत 28 लोगों को आरोपी बनाकर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इनमें से एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है।
दूसरी बार खतौली विधायक बने थे विक्रम सैनी
खतौली के भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी लगातार दूसरी बार विधायक बने थे। पहली बार 2017 में उन्होंने सपा के चंदन सिंह चौहान को 31,374 वोट से हराया था। वहीं 2022 में विक्रम सैनी, रालोद के राजपाल सिंह सैनी को 16,345 वोट से हराकर विजयी हुए।