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गुजरात के आणंद रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार को मुंबई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से 54 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। एक अधिकारी ने यहां बताया कि महिला की पहचान बीट्रिस आर्चीबाल्ड पीटर (Beatrice Archibald Peter) के रूप में हुई है। दुर्घटना शाम चार बजकर 37 मिनट पर तब हुई, जब वह ट्रैक पार कर रही थी। रेलवे पुलिस ने बताया कि अहमदाबाद की रहने वाली महिला आणंद में अपने रिश्तेदार से मिलने जा रही थी। ट्रेन गांधीनगर कैपिटल स्टेशन से मुंबई सेंट्रल की ओर जा रही थी।
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आणंद रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं है। मामले की छानबीन चल रही है। मालूम हो कि बीते एक महीने में इस ट्रेन की चपेट में आने से मवेशियों के मारे जाने की कम से कम तीन घटनाएं हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 30 सितंबर को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी।
पश्चिम रेलवे के पुलिस अधीक्षक राजेश परमार ने मंगलवार को कहा कि भरूच जिले के अंकलेश्वर में पटरी के पास मरम्मत और इंजीनियरिंग का काम चल रहा था। इसकी वजह से कुछ गिट्टियां ट्रेन की कांच की खिड़कियों में जाकर लगी थीं। इसलिए कांच चटक गया। यह पथराव का मामला नहीं है। घटना के वक्त ओवैसी खिड़की से दूर बैठे थे। टूटी हुई खिड़की को बदल दिया गया है। पुलिस उपाधीक्षक स्तर के एक अधिकारी मामले की विस्तार से जांच कर रहे हैं।
वहीं वारिस पठान ने सूरत में सोमवार रात एक रैली में दावा किया कि ट्रेन की खिड़की पर एक के बाद एक दो पत्थर फेंके गए। पत्थर इतने भारी थे कि खिड़की के कांच टूट गए। खिड़की से कुछ ही दूर ओवैसी और उनके साथी बैठे थे। वारिस पठान ने सवाल किया कि मोदीजी क्या हो रहा है? कभी वंदे भारत ट्रेन से मवेशी कुचल जाते हैं, तो कभी इस पर पत्थरबाजी होती है। वारिस पठान ने कहा कि चाहे पत्थर फेंको, आग लगाओ, लेकिन हक की आवाज रुकेगी नहीं। पठान ने यह भी दावा किया कि उनके पास घटना की तस्वीरें हैं।
वारिस पठान ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्रेन की खिड़की के टूटे हुए कांच की तस्वीरें साझा कीं जिसमें ओवैसी और एआईएमआईएम के अन्य सदस्य बैठे दिख रहे हैं। वहीं पुलिस अधीक्षक राजेश परमार ने कहा कि यह पथराव का मामला नहीं है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के छह जवान और शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के तीन जवान वंदे भारत की कोच के चारों दरवाजों पर खड़े थे जिसमें ओवैसी यात्रा कर रहे थे। चूंकि मरम्मत का काम चल रहा था इसलिए ट्रेन धीरे चल रही थी। खिड़की पर कुछ आकर लगने से कांच चटक गया।