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यूपी, बिहार, दिल्ली समेत देश भर में मंगलवार शाम चंद्र ग्रहण का नजारा दिखा। सबसे पहले यह अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में दिखा। इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में यह अद्भुत खगोलीय घटना दिखी। भारत से पहले यह नजारा चीन, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में दिखा। भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण शाम 5.30 बजे से 6.20 बजे तक रहा। सूतक काल सुबह 8.29 बजे से शुरू हो गया था। चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले प्रारम्भ हो जाता है। सूतक काल में पूजा निषेध होती है। ऐसे में सुबह सूतक लगते ही मंदिरों के पट बंद कर दिए गए थे। चंद्र ग्रहण के कारण ही देव दीपावली सहित सभी उपक्रम पहले हो गए।
05:00 PM – ग्रहण के बाद अपने और घर के शुद्धिकरण के लिए करें ये कार्य
– धार्मिक मान्यताओं में ग्रहण को अशुभ माना गया है। इससे नकारात्मकता फैलती है। इससे दूर करने के लिए ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें और धूप जलाकर पूरे घर में धुआं करें। ऐसा करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।
– चंद्र ग्रहण के समाप्त होने के बाद व्यक्ति स्नान जरूर करना चाहिए। नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें।
– नहाना संभव न हो तो खुद पर गंगा जल छिड़क लें।
– ग्रहण के बाद व्यक्ति को जल में तुलसी के पत्ते को डालकर ग्रहण करना चाहिए। हिन्दू धर्म में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना जाता है और औषधीय गुणों के कारण इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है।
– शास्त्रों में ग्रहण के बाद दान का बहुत महत्व है। दूध, चावल, बूरा और अन्य स़फेद खाद्य पदार्थों का दान करें।
– स्नान-ध्यान करने के बाद व्यक्ति को भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है इससे चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।