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राजस्थान में जयपुर (Jaipur) के भट्टा बस्ती इलाके में चूड़ी बनाने वाली इकाई से 12 से 16 साल की उम्र के 21 नाबालिग मजदूरों को छुड़ाया गया है। सूत्रों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी। एनजीओ ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ ने स्थानीय पुलिस और मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) के साथ मिलकर बचाव अभियान चलाया। इस संबंध में पांच चूड़ी बनाने वाली इकाइयों के मालिकों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो कथित तौर पर फरार हैं
बिहार के बच्चों को झांसा देकर लाया गया
समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, सभी बच्चों को शिक्षा के बहाने बिहार के दूरदराज के इलाकों से तस्करी कर लाया गया और लंबे समय तक अमानवीय परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया। पुलिस ने आईपीसी, किशोर न्याय (जेजे) अधिनियम और सीएलपीआरए की विभिन्न धाराओं के तहत सात प्राथमिकी दर्ज की हैं। सूत्रों ने कहा कि नाबालिग बच्चों को शिक्षा और बेहतर जीवन का झांसा देकर जयपुर ले जाया गया। इनमें गया जिले के नौ, अरवल और नालंदा जिले के चार-चार और नवादा और औरंगाबाद जिले के दो-दो बच्चे शामिल हैं।
बच्चों की पिटाई भी होती थी
बच्चों ने पुलिस को बताया कि नियमित भोजन और आराम के बिना उनसे सुबह नौ बजे से रात दस बजे तक काम कराया जाता था। बारह वर्षीय रमेश (बदला हुआ नाम) ने कहा कि हमें कारखाने के परिसर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी और मालिक हमें बाहर से बंद कर देता था। साथ ही, हमें छोटी-छोटी बातों पर बुरी तरह पीटा जाता था। बच्चों से बिना खिड़की वाले बदबूदार और गंदे कमरों में काम कराया जाता था। इस मामले में मो. फैयाज आलम, मो. शेख तबरेज, मो. शाहिद अफरीदी, मो. नोलेज आलम व मो. अजहर को गिरफ्तार कर लिया गया है, पुलिस मोहम्मद की तलाश कर रही है। सरफराज अंसारी और सियाराम चौधरी फरार हैं।