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महाराष्ट्र के 40 गांवों पर कर्नाटक का दावा, शिंदे-फडणवीस बोले- एक भी गांव जाने नहीं देंगे

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महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद बहुत पुराना है. दरअसल दोनों राज्यों के कुछ ऐसे सीमावर्ती भाग हैं जिन पर दोनों राज्यों के अपने-अपने दावे हैं. महाराष्ट्र का कर्नाटक के कुछ इलाकों में मराठी भाषी लोगों की तादाद ज्यादा होने के आधार पर दावा कायम है. इसी तरह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने भी महाराष्ट्र  के सांगली जिले के जत तालुका के 40 गांवों पर कन्नड़ भाषियों की तादाद ज्यादा होने की वजह से आज (23 नवंबर, बुधवार) यह दावा किया कि वे कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसका जोरदार जवाब दिया है.

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यह विवाद एक बार फिर से गरमाने की वजह यह है कि आज से सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर सुनवाई हो रही है. ऐसे मौके पर कर्नाटक के सीएम ने कहा, ‘महाराष्ट्र के जत तालुका के 40 गांवों के लोग कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं. हम उनकी मांग पर गंभीरता से विचार कर रहे है.’ इसके बाद महाराष्ट्र में इस पर हर पार्टी की ओर से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं.

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महाराष्ट्र के सीएम शिंदे की प्रतिक्रिया, एक भी गांव नहीं जाने का दिया भरोसा

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‘यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. जत तालुका के गांवों की मांग पुरानी है. वहां पानी की कमी की समस्या है. कल और परसों हमारी इस पर अहम बैठक हुई है. हम एक भी गांव महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने नहीं देंगे. कोर्ट के फैसले का सम्मान करतेहुए, केंद्र सरकार की मदद से बातचीत से सुलझाएंगे.’ महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने आज शिरडी में साईं बाबा का दर्शन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा.

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फिर भी कर्नाटक के सीएम के बयान पर महाराष्ट्र में घमासान

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शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है, महाराष्ट्र में मिंधे गुट (कमजोर) की सरकार है जो बीजेपी के इशारे पर चलती है. बीजेपी महाराष्ट्र को 4-5 टुकड़ों में बांटना चाहती है. बीजेपी के सीनियर लीडर सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि यह जवाहरलाल नेहरू की गलती है कि राज्य में सीमाओं को इस तरह से अतार्किक तरीके से निर्धारित किया गया. अगर कर्नाटक सरकार महाराष्ट्र के 40 गांवों पर दावा कर रही है तो कर्नाटक में भी ऐसे सैकड़ों गांव हैं, जिन पर हमारा दावा है, यह उनको ध्यान रहे.

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महाराष्ट्र से कोई गांव कर्नाटक नहीं जाएगा, इलाके वहां से यहां आएंगे

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इस पूरे मामले पर नागपुर में मीडिया से संवाद करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा, ‘सीमा विवाद के मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुछ दिनों पहले एक अहम बैठक की. इस बैठक में अहम फैसले किए गए. सीमावर्ती भागों में रहने वाले लोगों की पूरी मदद करने की हमारी योजनाएं शुरू हैं. इसीलिए शायद कर्नाटक के सीएम ने यह बयान दिया है. महाराष्ट्र का एक भी गांव कहीं नहीं जाएगा. हम सुप्रीम कोर्ट में लड़ते हुए कर्नाटक से बेलगाम, कारवार, निपाणी समेत कई गांव वापस महाराष्ट्र में लाएंगे.’

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‘गांवों को पानी होगा उपलब्ध, दूर होगी शिकायत’

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फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के जत तालुका के गांवों ने साल 2012 में कर्नाटक जाने की इच्छा जताई थी. लेकिन यह बात पुरानी हो चुकी है. गांववालों की शिकायत थी कि उन्हें पानी नहीं मिल रहा है. फडणवीस ने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कर्नाटक से बातचीत की थी. म्हैसाल की संशोधित योजना में इन गांवों को शामिल किया गया था.

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आगे फडणवीस ने कहा कि पिछले ढाई साल में महाविकास आघाड़ी सरकार के वक्त इन योजना को मान्यता नहीं दी गई. हो सकता है कोरोना की वजह से निर्णय नहीं लिया गया हो. अब इस योजना पर पूरी रफ्तार से काम हो रहा है. गांवों को पानी जल्दी उपलब्ध होगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने भी पैसे दिए हैं. योजनाएं पूरी करने के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है.

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