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गुजरात की जामनगर नॉर्थ विधानसभा सीट पर ननद-भाभी के बीच की लड़ाई अब बहन-भाई के बीच होती जा रही है. भारतीय क्रिकेटर रविंद्र जडेजा जहां अपनी पत्नी रिवावा जडेजा के लिए लगातार वोट मांग रहे हैं तो वहीं उनकी बहन नयनाबा कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए दम भर रही हैं.
रविंद्र जडेजा ने मांगा मौका
जामनगर नॉर्थ विधानसभा सीट की लड़ाई रोचक हो चली है. यहां पत्नी के चुनाव प्रचार के लिए खुद क्रिकेटर रविंद्र जडेजा ने मैदान संभाल लिया है. एक दिन पहले ही उन्होंने पत्नी के समर्थन में एक रोड शो किया था. उन्होंने मतदाताओं से अपनी पत्नी के लिए एक मौका मांगा है. भाजपा की ताकत यहां के सिटिंग विधायक धर्मेंद्र सिंह जडेजा भी हैं जिन्हें हकुभा के नाम से जाना जाता है.
बीजेपी सिर्फ वादे करती है.
जामनगर उत्तर से अपनी भाभी के सामने चुनाव प्रचार कर रही हैं रविंद्र जडेजा की बहन नयनाबा खुद कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रही थीं, हालांकि यहां से पार्टी ने बिपेंद्र सिंह जडेजा को टिकट देकर उनके लिए चुनाव प्रचार की कमान नयनाबा को सौंप दी. अब नयनाबा बीजेपी सरकार पर वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए हमलावर हैं. वह कहती हैं कि बीजेपी कभी अपने वादे पूरे नहीं करती चाहे वह रोजगार के बारे में हो या शिक्षा के बारे में.
सीट पर मजबूत है BJP
नयनाबा जामनगर नॉर्थ सीट को अनिवार्य रूप से कांग्रेस का मानती हैं. वह कहती हैं कि परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर 2012 में कांग्रेस ही पहली बार जीती थी, इसलिए यह कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जानी चाहिए. चूंकि मौजूदा विधायक बीजेपी में चले गए थे, इसलिए 2017 में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई थी. नयनाबा का दावा है कि इस बार भी कांग्रेस ही इस सीट पर जीत दर्ज करेगी.
हकुभा का अपना वोट बैंक
जामनगर नॉर्थ सीट पर धर्मेंद्र सिंह जडेजा उर्फ हकुभा का अपना वोट बैंक है. टिकट कटने से वह इस बार नाराजगी जा रहे थे, हालांकि पार्टी ने उन्हें जामनगर उत्तर सहित तीन विधानसभा सीटों पर मतदान के लिए पार्टी का प्रभारी बनाकर मना लिया. अब वह खुद रिवाबा जडेजा के लिए प्रचार कर रहे हैं और ये विश्वास जा रहे हैं कि जीत बीजेपी उम्मीदवार की होगी.
बाहरी का आरोप निराधार
रिवाबा जडेजा ने कांग्रेस की ओर से उन पर लगाए जा रहे बाहरी उम्मीदवार के आरोप को खारिज कर दिया है. रिवाजा का कहना है कि 2019 में पार्टी में आने के बाद से वे इस विधानसभा क्षेत्र में काम कर रही हैं, इसलिए उन्हें बाहरी नहीं कहा जा सकता. बता दें कि रिवाजा ने मैकेनिकल इंजीनयरिंग में डिग्री ली है और वह राजकोट में पली-बढ़ी हैं. भाजपा में शामिल होने से पहले, वह करणी सेना में थीं. वह राजनीति में अपनी प्रेरणा पीएम मोदी को मानती हैं.