REPORT TIMES
मोरबी के पास वांकानेर में सजे मंच पर जब यूपी के CM योगी आदित्यनाथ पहुंचे तो ‘बुल्डोजर बाबा’ के नारे गूंज उठे. बीजेपी को इसकी उम्मीद पहले से थी. शायद तभी मंच के बैकड्रॉप में बुलडोजर की बड़ी सी तस्वीर लगाकर योगी आदित्यनाथ को हिंदू हृदय सम्राट कहकर संबोधित किया गया था. बीजेपी के स्टार प्रचारक और यूपी के सबसे बड़े चेहरे योगी आदित्यनाथ ने गुजरात में चुनाव प्रचार का आगाज कुछ ऐसे ही किया था.
हालांकि योगी हर सभा में तर्क तो गुजरात मॉडल के पक्ष में देते रहे, लेकिन जमीन पर यूपी मॉडल ही काम करता रहा. दरअसल राम जन्म भूमि आंदोलन के बाद गुजरात से यूपी का रिश्ता ऐसा जुड़ा जो आज तक अटूट है. यूपी से इस बार नेताओं की बड़ी टीम का गुजरात भेजा जाना इस बात की बानगी है. 162 सदस्यीय इस टीम में राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक के नेता मौजूद हैं, जो गुजरात में यूपी मॉडल और डबल इंजन सरकार के फायदे गिना रहे हैं. बीजेपी को इससे मदद मिलने की उम्मीद इसलिए है क्योंकि इसी साल बीजेपी ने यूपी में डबल इंजन के सहारे चुनाव जीता था.
हिंदू वोट एकजुट करने पर जोर
बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ की रैलियां उन स्थानों पर प्लान की हैं जहां मुस्लिम वोट बड़ी संख्या में हैं. इनमें कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां बीजेपी बेहद कम अंतर से हारी थी. पार्टी की कोशिश है कि योगी आदित्यनाथ के बहाने ही सही हिंदू वोट को एकजुट किया जाए. मसलन सूरत की पाटीदार बहुल वराछा और वीरमगाम जैसी सीटों पर योगी आदित्यनाथ रोड शो कर चुके हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी गुजरात में हैं और वह उन इलाकों में सभाएं कर रहे हैं जहां हिंदी पट्टी के लोग प्रवास करते हैं.
इस तरह काम कर रही यूपी टीम
गुजरात में काम कर रही यूपी टीम 162 नेता शामिल हैं. भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा (बीजेपी ओबीसी सेल) के सीतापुर जिलाध्यक्ष रामजीवन जायसवाल के अनुसार सभी नेता गुजरात चुनाव होने तक यही रहेंगे. इसी टीम में शामिल एक सांसद के मुताबिक गुजरात में यूपी टीम ऐसे परिवारों से संपर्क कर रही है जो यूपी से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन अब उनका वोट गुजरात में है.
वाराणसी चुनाव में गुजरात से आई थी टीम
जिस तरह से गुजरात के चुनाव में यूपी से भारी-भरकम टीम पहुंची है, उसी तरह से पिछले आम चुनाव में वाराणसी में गुजरात से भारी टीम भेजी गई थी, जिसमें ज्यादातर ब्राह्मण और पाटीदार नेता थे. गुजरात के पूर्व (गृह) गोरधन जड़फिया को ही लोकसभा चुनाव के लिए 2018 में पार्टी का यूपी प्रभारी बनाया गया था. खास बात ये है कि गुजरात से आई बीजेपी की टीम में बड़ी संख्या गुजराती महिलाओं की भी थी. जिन्होंने पूरी दम के साथ बीजेपी के पक्ष में अलख जगाई थी.
गुजरात चुनाव और हिंदुत्व की लहर
गुजरात में बीजेपी योगी आदित्यनाथ की छवि को भुनाना चाहती है. दरअसल गुजरात के चुनाव में हर बार हिंदुत्व की लहर का असर दिखता रहा है. बात 20 साल पहले हुए 2002 गुजरात चुनाव की करें तो गोधरा दंगे के बाद प्रदेश में हिंदुत्व की लहर ऐसी चली थी कि कांग्रेस सिर्फ 51 सीटों पर सिमट गई थी और बीजेपी ने 182 में से 127 सीटें पाईं थीं. इस चुनाव में दो सीटें निर्दलीय के खाते में आईं थी और दो सीटों पर जनता दल यूनाइटेड ने कब्जा जमाया था. उस चुनाव में ही तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को हिंदू हृदय सम्राट की उपाधि मिली थी.