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राजस्थान से यात्रा लेकर निकले राहुल गांधी, गहलोत-पायलट में खत्म हुई रार !

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राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ राजस्थान से निकलकर हरियाणा में प्रवेश कर चुकी है जहां बुधवार को जैसे ही राहुल गांधी ने अपनी टीम के साथ राजस्थान की सीमा से कदम आगे रखा तो कांग्रेस ने राहत की सांस ली होगी. सूबे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके चिर प्रतिंद्वद्वी माने जाने वाले सचिन पायलट के समर्थकों के बीच कोई टकराव हुए बिना राज्य में यात्रा संपन्न हो गई. हालांकि, कुछ जगहों पर समर्थकों ने सड़कों पर नारेबाजी जरूर की थी. मालूम हो कि प्रदेश में यात्रा के प्रवेश के साथ ही कांग्रेस नेतृत्व को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं गहलोत और पायलट के समर्थकों में टकराव ना हो जाए.राजस्थान में यात्रा के करीब 500 किलोमीटर के रास्ते में पायलट के गढ़ माने जाने वाले कई इलाके आए और पदयात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ा जिनमें से कई उनके युवा समर्थक शामिल थे.

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वहीं दौसा में कुछ युवा समर्थकों ने हमारा सीएम कैसा हो, सचिन पायलट जैसा हो और आई लव यू, आई लव यू, सचिन पायलट, आई लव यू जैसे नारे भी लगाए. पायलट ने खुद ज्यादातर वक्त राहुल गांधी के साथ पदयात्रा की और कुछ मौकों पर उन्हें अपने समर्थकों को उनके समर्थन में नारे नहीं लगाने की अपील भी की. इधर सीएम गहलोत ने भी यात्रा में नियमित रूप से भाग लिया और खास तौर पर उन्हें सुबह के सत्र के दौरान अक्सर पदयात्रा करते हुए देखा गया.

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100 दिन पर दिखा पायलट का ‘दम’

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वहीं यात्रा के 100 दिन पूरे होने के मौके पर दौसा की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ा और कई लोग अपने घरों की छत पर खड़े होकर गांधी, गहलोत और पायलट का उत्साह बढ़ाते दिखे. बता दें कि दौसा पायलट का गढ़ है जहां उनके समर्थक अपनी भावनाओं को खुलकर जाहिर करते रहे कि राजस्थान की कमान अब सचिन के हाथों में दी जाए.

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दौसा सीट से गुर्जर समुदाय से आने वाले पायलट और उनके पिता दिवंगत राजेश पायलट संसद में निर्वाचित होते रहे हैं. दरअसल राहुल की यात्रा उन इलाकों से नहीं गुजरी जिन्हें पारंपरिक रूप से गहलोत का गढ़ माना जाता है.

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खींचतान पर यात्रा से लगाम !

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वहीं यात्रा ने गहलोत और पायलट के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी में अस्थायी रूप से विराम लगा दिया है लेकिन ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पार्टी आलाकमान ने इस मसले का हल नहीं निकाला तो भविष्य में यह विवाद फिर बढ़ सकता है. बीते हफ्ते कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा था कि सब कुछ सुचारू रूप से हल कर लिया जाएगा और पार्टी राज्य में पूरी तरह एकजुट है. गौरतलब है कि पिछले महीने गहलोत ने पायलट को गद्दार बताकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. वहीं पायलट ने इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि इतने अनुभवी किसी व्यक्ति को ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता और ऐसे वक्त में इस तरह कीचड़ उछालने से किसी को फायदा नहीं होगा.

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