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अंतिम बजट की तैयारी में जुटे गहलोत, राजस्थान में शुरू हुआ पायलट का ‘ऑपरेशन इलेक्शन’

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राजस्थान के लिए यह चुनावी साल है. एक तरफ कांग्रेस पार्टी दोबारा से सरकार में आने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है तो विपक्ष में बैठी बीजेपी को हर पांच साल में सरकार बदलने की परिपाटी से काफी उम्मीदें हैं. कांग्रेस में भी दो धड़ें हैं. एक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तो दूसरा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार  सचिन पायलट  का. वक्त की नजाकत को देखते हुए दोनों धड़े तैयारी में जुट गए हैं. एक तरफ मुख्यमंत्री चुनावी साल में आखिरी बजट ऐसा देना चाहते हैं कि नाराज मतदाताओं का पूरा साथ मिल जाए. वहीं सचिन पायलट ने तो बकायदे ऑपरेशन इलेक्शन का ऐलान कर दिया है.

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जमीनी स्तर पर मजबूत काम कर एक बार कांग्रेस को पहले राजस्थान में और हाल ही में हिमाचल में सत्ता तक पहुंचा चुके सचिन पायलट किसान और युवा सम्मलेन करने जा रहे हैं. उनका किसान सम्मेलन 16, 17, 18 and 19 जनवरी को नागौर, हनुमानगढ़, झुंझनू और पाली जिले में होने वाला है. जबकि 20 जनवरी को जयपुर के महाराजा कॉलेज में यूथ कांफ्रेंस होगा. संदेश साफ है कि इन कार्यक्रमों के जरिए पायलट एक बार फिर जमीनी स्तर पर अधिक से अधिक लोगों से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं. इन रैलियों के जरिए वह भारत जोड़ो यात्रा के संदेश आम जन तक पहुंचाना चाहते हैं. साथ ही बताना चाहते हैं कि पायलट फेमिली शुरू से ही राजस्थान की जमीनी राजनीति में विश्वास करती है.

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राहुल गांधी को दिया श्रेय

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माना जा रहा है कि सचिन पायलट ने किसान और यूथ रैली की तैयारी पहले से ही कर रखी थी, लेकिन इसमें भारत जोड़ो यात्रा की वजह से थोड़ी देर हुई है. लेकिन अब होने जा रही इन रैलियों का श्रेय पायलट ने राहुल गांधी को दे दी. उन्होंने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा लेकर राजस्थान आए राहुल गांधी ने ही इस तरह की रैलियों की जरूरत बताई थी. उनका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को कांग्रेस की रीति नीति से जोड़े रखना है.

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2018 में दिलाई थी जीत

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पायलट इससे पहले 2018 में जमीनी स्तर पर काम किए थे और जीत हासिल कर कांग्रेस की झोली में डाल दिया था. हालांकि उस समय मुख्यमंत्री की दौरान अशोक गहलोत बाजी मार ले गए थे. जबकि पायलट लगतार अपने पक्ष में अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करते रहे. यहां तक कि उन्होंने पिछले दिनों बगावती तेवर भी दिखाए और कुछ दिन समर्थक विधायकों के साथ मानेसर के फार्म हाउस में रहे थे.

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