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जयपुर में साहित्य के ‘महाकुंभ’ का आगाज, 350 स्पीकर पहुंचेंगे…सुनाई देंगी भारत की 21 भाषाएं

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दुनिया का सबसे बड़ा लिटरेचर फेस्टिवल कहे जाने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) एक बार फिर राजधानी जयपुर की हवा में साहित्य, संस्कृति और संगीत की आभा बिखरेने के लिए तैयार है. कोरोना काल के बाद दूसरी बार जेएलएफ को एक बार फिर ऑफलाइन मोड में आयोजित किया जा रहा है. पिंकसिटी के होटल क्लार्क्स आमेर में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 16वें संस्करण का आगाज गुरुवार से हो गया है जहां 19 से 23 जनवरी तक चलने वाले इस अनूठे महाकुंभ में साहित्य, संगीत, कला से जुड़े सैकड़ों साहित्यकार, संगीतकार और फिल्म से जुड़े 350 स्पीकर्स शामिल होंगे. वहीं जेएलएफ में हर बार की तरह इस बार भी कला, साहित्य संगीत के साथ वैश्विक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर चिंतन और मनन किया जाएगा. वहीं जेएलएफ को लेकर हर बार की तरह लोगों में क्रेज देखने को मिल रहा है जहां युवा फेस्टिवल को लेकर खासे उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि 19 से 23 जनवरी तक चलने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का फोकस इस बार भारतीय भाषाओं पर रहेगा जहां साहित्य, कला और संस्कृति की ताकत देखने को मिलेगी. वहीं इस बार फेस्टिवल का आयोजन उत्सव थीम पर किया जा रहा है.

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21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं की दिखेगी झलक

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वहीं फेस्टिवल के 16वें संस्करण में इस बार 21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं को पेश किया जायेगा और भारतीय भाषा को लेकर खास फोकस किया जाएगा. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रोड्यूसर संजोय रॉय का कहना है कि इस बार ग्रीन कांसेप्ट पर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है जहां किसी तरह के कार्ड की जरूरत नहीं होगी. वहीं फेस्टिवल में शामिल होने वाले लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद सिर्फ अपना बारकोड दिखाकर फेस्टिवल में शामिल हो सकेंगे जहां साहित्य कला और संगीत से जुड़े मुद्दों पर चिंतन और मंथन के साथ ही कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे गए हैं.

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देश-विदेश से पहुंचेंगे 350 स्पीकर

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वहीं फेस्टिवल के 16वें संस्करण में इस बार 350 स्पीकर हिस्सा लेंगे जिनमें टॉम्ब ऑफ सैंड के लिए पिछले साल के अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि, बुकर विजेता बर्नार्डिन एवरिस्टो के साथ गुलजार, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, शोभा डे, शबाना आजमी, जावेद अख्तर, शशि थरूर, आंचल मल्होत्रा, अमीष त्रिपाठी, सुधा मूर्ति, अश्विन सांघी, फिल्म निर्माता ओनिर, नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुलराजक गुरनाह और भारतीय खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक अमरजीत सिंह दुलत सहित कई जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी.

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पसंदीदा लेखकों से मिलने का मौका

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वहीं साहित्योत्सव के दौरान पांचों दिन शाम को कई संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे गए हैं जहां कई गायक और बैंड अपनी म्यूजिकल परफॉर्मेंस देंगे. इसके अलावा फेस्टिवल में साहित्य प्रेमियों को उनके पसंदीदा लेखकों से मिलने का मौका भी मिलेगा जहां सत्रों में शामिल होने के बाद फेस्टिवल में सभी वेन्यू पर बुक-साइनिंग की व्यवस्था की गई है जहां आप खुद अपने पसंदीदा लेखक से मिलकर उनका ऑटोग्राफ भी ले सकते हैं.

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