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राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का पेपरलीक को लेकर अपनी ही सरकार पर लगातार हमला जारी है. बीते सोमवार को नागौर के परबतसर में सरकार के पेपर लीक माफिया के खिलाफ एक्शन पर सवाल उठाने के बाद बुधवार को झुंझुनूं में पायलट ने एक बार फिर सीएम अशोक पर सीधा निशाना साधा. पायलट ने पेपर लीक को लेकर इशारों-इशारों में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसा है जहां उन्होंने कहा कि कौन सी जादूगरी से तिजोरी से पेपर निकल गए? वहीं पायलट ने कहा कि सरकार को पेपर लीक के मामले में जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी. इधर पायलट के बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में जादूगर कहे जाने वाले गहलोत ने फिर पलटवार किया है. गहलोत ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जहां चीटिंग के खिलाफ सख्त प्रावधानों वाला कानून लाया गया है. मालूम हो कि पायलट ने बुधवार को कहा था कि अब सुनने में आ रहा है कि कोई अफसर या नेता पेपर लीक में जिम्मेदार नहीं है, परीक्षाओं का पेपर तिजोरी में बंद होता है और तिजोरी में बंद पेपर बाहर बच्चों तक कैसे पहुंच गया, यह तो जादूगरी से ही हुआ है.
गहलोत का फिर पलटवार
वहीं सरकार पर सचिन पायलट के एक बार फिर हमलावर होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है. गहलोत ने कहा कि, राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां चीटिंग और पेपर लीक के खिलाफ सख्त प्रावधानों वाला कानून लाया गया है. वहीं पेपर लीक में आरोपी ठहराए गए अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. गहलोत ने कहा कि पेपर लीक मामले में जो भी आने वाले समय में दोषी पाया जाएगा उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाया जाएगा और कुछ लोगों के परीक्षा में बैठने पर स्थाई तौर पर रोक लगा दी गई है और आगे भी हम इस तरह से एक्शन लेंगे.
लगातार हमलावर हैं पायलट और गहलोत
गौरतलब है कि सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षाओं के पेपर लीक के मसले पर सचिन पायलट किसान सम्मेलन की शुरूआत से ही हमलावर मोड में दिखाई दे रहे हैं. पायलट ने इससे पहले कहा था कि जब पेपर लीक होता है तो मुझे दुख होता है और इसके लिए जिम्मेदारी तय कर के कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं उन्होंने आगे कहा था कि ऐसा संभव नहीं है कि पेपर लीक के लिए कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है. वहीं अधिकारियों की मिलीभगत पर गहलोत ने कहा था कि पेपर लीक में कोई अधिकारी और नेता शामिल नहीं है.