Report Times
latestOtherकार्रवाईक्राइमगिरफ्तारटॉप न्यूज़ताजा खबरेंधौलपुरराजस्थानस्पेशल

आसान नहीं था ‘केशव’ को दबोचना…मजदूर-कुक बन 6 माह तक रखी नजर, 90 पुलिस वालों ने चलाया ऑपरेशन

REPORT TIMES 

Advertisement

राजस्थान के धौलपुर में चंबल के बीहड़ों में सोमवार सुबह पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी जहां पुलिस के एंटी-डकैत स्क्वॉयड ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड डकैत केशव गुर्जर को दबोच लिया. जानकारी के मुताबिक 90 पुलिस वालों ने इस ऑपरेशन को बीहड़ में अंजाम दिया जहां 12 घंटे चले सर्च ऑपरेशन के बाद केशव गुर्जर और पुलिस का आमना-सामना हुआ और दोनों तरफ से जबरदस्त फायरिंग के बाद केशव के पैर में गोली मारकर पकड़ा गया. पुलिस का कहना है कि 35 साल के इस कुख्यात डकैत को पकड़ना इतना आसान नहीं था और केशव को इससे पहले पकड़ने के लिए पुलिस 10 बार कोशिश कर चुकी है लेकिन हर बार वह चकमा देने में कामयाब हो जाता था. वहीं केशव को पकड़ना पुलिस के लिए इसलिए भी मुश्किल था क्योंकि केशव गुर्जर फोन नहीं रखता था और किसी से उसका सीधा संपर्क भी नहीं था. वहीं रेंज आईजी गौरव श्रीवास्तव का कहना है कि सवा लाख का इनामी डकैत पुलिस से बचने के लिए हमेशा अपना हुलिया बदलता रहता था और पुलिस रिकॉर्ड में जो अभी तक केशव की फोटो है उसनें वह दाढ़ी और टोपी के साथ है लेकिन पकड़े जाने के दौरान उसकी मूंछें थी. वहीं मुठभेड़ के दौरान केशव गुर्जर की बंदूक से निकली गोली धौलपुर एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव के सीने में लगी लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट से एसपी की जान बच गई .

Advertisement

Advertisement

6 महीने तक गांवों में तैनात रहे पुलिस वाले

Advertisement

बता दें कि पुलिस ने इस बार केशव को पकड़ने में पूरी सतर्कता बरती और पुलिस ने अपने जवानों को बढ़ई, मजदूर, कूक और फूड कैटर्रस बनाकर गांवों में तैनात किया. वहीं अंडरकवर पुलिस की एक टीम ने विभिन्न गांवों में करीब 6 महीने तक वक्त गुजारा और इस दौरान पुलिस की टीम के लोग गांव के लोगों से घुल मिल गए और केशव के बारे में जानकारी जुटाई. धौलपुर के एसपी धर्मेंद्र सिंह ने ऑपरेशन के बारे में बताया कि डकैत गुर्जर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और धौलपुर के इलाकों में घूमता था और वह कभी स्थानीय ट्रांसपोर्ट या गांव के रास्तों का इस्तेमाल आने जाने के लिए नहीं करता था. पुलिस को पता चला कि वह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए नालों का इस्तेमाल किया करता था. एसपी ने बताया कि डकैत जिन नालों का इस्तेमाल करता था पुलिस ने सभी जगहों को पहचान लिया और रविवार की शाम और सोमवार की सुबह हुई बारिश ने पुलिस की मदद की. एसपी के मुताबिक रविवार की रात करीब 11 बजकर 30 मिनट पर उन्हें एक फोन आया जिसमें हमें केशव गुर्जर की सही लोकेशन का पता चल गया था.

Advertisement

मुठभेड़ से पहले खाना लेने जा रहा था डकैत

Advertisement

वहीं मुठभेड़ से ठीक पहले डकैत केशव गुर्जर सोहन बाबा मंदिर के पास छुपा हुआ था जहां उसके पास कुछ खाने के लिए नहीं था. पुलिस को जानकारी मिली कि केशव अपने साथियों के साथ सोने का गुर्जा गांव में खाना खाने और पैसा लेने के लिए निकला है. इसके बाद पुलिस ने गोपनीय तरीके से उसकी घेराबंदी कर ली. वहीं केशव से आमना-सामना होने पर डकैतों का गिरोह 315 बोर की राइफल से पुलिस पर गोलियां बरसाने लगा और दूसरी ओर पुलिस की सभी टीमें एके-47 और पिस्टल सहित कई अत्याधुनिक हथियारों से जवाबी फायरिंग करने लगी. बताया जा रहा है कि पुलिस को देखकर डकैत केशव, शीशराम और बंटी पंडित ने पुलिस पर करीब 20 राउंड फायरिंग की.

Advertisement

डकैत के 2 साथी भी दबोचे

Advertisement

बता दें कि केशव गुर्जर को गिरफ्तार करने के अगले दिन धौलपुर पुलिस ने उसके दो सहयोगियों को भी धर दबोचा लिया जो दोनों उस दिन उसके साथ थे और पुलिस पर फायरिंग कर रहे थे. पुलिस ने इनकी पहचान बंटी पंडित और नरेश गुर्जर के रूप में की है. मालूम हो कि पुलिस और डकैत की आमने-सामने मुठभेड़ में केशव गुर्जर के पैर में गोली लगी थी जिसके बाद केशव को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

Advertisement
Advertisement

Related posts

जयेशभाई जोरदार निकले फुस, नहीं आयी हंसी न मिली कोई सामाजिक सीख

Report Times

सर्दियों तथा कोहरे के मौसम में संरक्षित रेल संचालन के लिए रेलवे पूर्ण मुस्तैद, रेल संचालन में संरक्षा हेतु किये विशेष प्रबन्ध

Report Times

राजस्थान में मंत्रियों को बांटे गए विभाग, मुख्यमंत्री के पास 8 तो डिप्टी सीएम ने रखे 6 विभाग, जानें किसे क्या मिला

Report Times

Leave a Comment