REPORT TIMES
कहते हैं कि जो पढ़ा लिखा नहीं वो बिगड़ कर अपराधी बन गया. नहीं ऐसा नहीं है. राजस्थान की राजधानी जयपुर में ‘जी क्लब फायरिंग’ कांड को अंजाम देने वाले, खतरनाक शार्प शूटर्स की एजूकेशन सुनकर दिमाग खुल जाएगा. इनमें कोई बीटेक कोई मैनजमेंट का स्टूडेंट रह चुका है. जब इतने उच्च स्तर की शिक्षा दीक्षा हुई तो फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर किसी को भी, भ्रमित कर डालना भी इन बदमाशों के लिए बाएं हाथ का खेल हो गया. आम आदमी की बात छोड़िए 24 घंटे कानून की रखवाली का दम भरने वाले तमाम पुलिस अफसरों तक को, यह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले गुंडे कई बार गच्चा देकर साफ बच निकलने में कामयाब रहे हैं. इस कांड से जुड़े बताए जाते शार्प शूटर रामचंद्र सिंह को ही ले लीजिए. देखने भालने में बेहद भोला और समझदार सा लगने वाला. रामचंद्र सिंह होटल मैनेजमेंट का कोर्स किए हुए है. उसके बाद उसने मानसरोवर में कृष्णा प्राइड के नाम से होटल खोल लिया. बातचीत करने का लहजा ऐसा कि जिसे देखकर काबिल से काबिल पुलिस वाला भी धोखा जाए. वो तो अगर जी क्लब गोलीकांड में न फंसता, तो पुलिस और आमजन की नजरों में खतरनाक और खूनी इरादों वाला यह शार्पशूट आइंदा भी शरीफों की ही कैटेगरी में ही गिना जाता रहता.
प्रेमिका के साथ बदमाश रविंद्र के होटल में जाता था शार्प शूटर रोहन
दूसरा बदमाश और शार्प शूटर रोहन पहलवान है. यह शारीरिक डील डौल और बात करने से पढ़ा लिखा लगता है. मगर इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है कि इसे गुस्सा बहुत जल्दी आता है. और गुस्सा आते ही इसके अंदर छिपा शैतान बेखौफ होकर बाहर आकर सामने वाले को खौफजदा कर डालता है. रोहन पहलवान पेशे से जिम ट्रेनर है. यह बदमाश अक्सर प्रेमिका को लेकर रविंद्र सिंह के होटल में आता-जाता रहता था. सो दोनो बदमाशों में बातचीत शुरु हुई तो वे एक दूसरे के हमराज बन गए. और बदमाशी साथ मिलकर ही शुरु कर दी.
15 से 25 साल के जीक्लब गोलीकांड के सभी शूटर
रविंद्र सिंह बदमाश की बात करें तो वो जिम ट्रेनर शार्प शूटर रोहन पहलवान का यार है. इसीलिए रोहन ने उम्मेद सिंह के कहने पर बिना पहचान पत्र देखे ही, शूटर्स को होटल में कमरा दिलवा दिया था. रविंद्र के पिता पहले एक पेपर मिल में नौकरी करते थे. वहीं पर मोस्ट वॉन्टेड बदमाश उम्मेद सिंह से रविंद्र की दोस्ती हुई. बाद में उम्मेद सिंह भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ गया. उम्मेद के कहने पर ही रविंद्र ने भी लॉरेंस गैंग ज्वाइन कर लिया.बात अगर शार्प शूटर हरिभजन और उम्मेद सिंह की करें तो, यह दोनो जोधपुर में काफी समय तक किराए के मकान में एक साथ रह चुके हैं. उम्मेद के कहने पर ही हरिभजन ने खुद पैसे लेकर, उम्मेद की प्रेमिका अनिता मेघवाल के खाते से रविंद्र को रुपए भेजे थे. जीक्लब गोलीकांड में पुलिस के जाल में घिरे सभी शूटर 15 से 25 साल के हैं.
जरूरतमंदों से ही गोलीकांड को अंजाम दिलाता है यह गैंग
यह गैंग अमूमन नाबालिग और पैसे के जरूरतमंदों से ही गोलीकांड अंजाम दिलवाने में विश्वास करता था. ताकि जब कोर्ट कचहरी मुकदमेबाजी की बात चले तो, नाबालिगों को आसानी से मुक्त करा लिया जाए, चूंकि इस उच्च शिक्षित बदमाश कंपनी को खून-खराबे के लिए सबसे ज्यादा, नाबालिग ही पसंद आते हैं. साथ ही नाबालिगों को आसानी से बहलाया फुसलाया भी जा सकता है. इसलिए यह गैंग सोशल मीडिया पर हथियारों संग अपनी तस्वीरें वीडियो अक्सर अपलोड करते रहते थे. सोशल मीडिया अकाउंट पर इन शार्प शूटर्स के कीमती वाहनों पर स्टंटबाजी के तमाम फोटो और वीडियो आज भी अपलोड देखने को मिल जाएंगे.