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विधानसभा में अब अपने ही बढ़ा रहे टेंशन, कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के निशाने पर गहलोत सरकार

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जयपुर: राजस्थान में 15वीं विधानसभा का आठवां सत्र एक बार फिर मंगलवार से शुरू हुआ जहां गहलोत सरकार को विपक्ष के हमलों के साथ-साथ सत्तारूढ़ विधायकों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा. चुनावी साल में अब पार्टी के ही विधायक सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. ताजा घटनाक्रम मंगलवार का है जहां कई कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लिया. वहीं खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले विधायकों के निशाने पर भी सरकार रही. विधानसभा में गृह और कारागार विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई विधायकों ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था और पेपर लीक मामले को उठाया. वहीं कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने इंटरनेट बैन को गलत ठहराते हुए लचर रवैए पर सवाल उठाए. बता दें क सरकार पर सवाल उठाने वालों में गहलोत और पायलट गुट दोनों के विधायक शामिल है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले और गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने पेपर लीक मामले को लेकर अपनी ही सरकार को जमकर कोसा.

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पेपर लीक पर लोढ़ा ने घेरा

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विधानसभा में चर्चा के दौरान संयम लोढ़ा ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आरपीएससी का मूल पेपर कहां से लीक हुआ? क्या आपने तय कर लिया है कि नकल करने वाले ही सरकारी नौकरी में जाएंगे. लोढ़ा ने कहा कि मैं एक इंटरव्यू देख रहा था जिसमें एसआई भर्ती में पास हुई लड़कियों को राजस्थान के जिलों के बारे में भी जानकारी नहीं है. सिरोही विधायक ने कहा कि सुनने में आया है कि पेपर लीक मामले में इसको गिरफ्तार कर लिया, उसकी गिरफ्तारी हो गई लेकिन आज तक हमें पता नहीं चला कि आखिरकार मूल पेपर लीक कहां से हुआ था.

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घोघरा ने उठाए पुलिस पर सवाल

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इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने भी सरकार को घेरते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए. घोघरा ने सदन में आदिवासी कल्चर के बारे में जिक्र किया और कहा कि घरों में देसी शराब रखने वाले आदिवासियों पर पुलिस मुकदमा दर्ज कर रही है. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के मामलों में आज भी अत्याचार हो रहा है और आदिवासी लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है.

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गुढ़ा ने सरकार को घेरा

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वहीं विधानसभा में मंगलवार को पुलिस की अनुदान मांगों पर मंत्री शांति धारीवाल के जवाब के दौरान धारीवाल ने जब झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आंकड़े गिनाए तो सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि एक झूठा मुकदमा तो मुझ पर भी लगाया गया है. इसके बाद मंत्री शांति धारीवाल ने गुढ़ा की तरफ से उठाए गए विषय का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में फ्री एफआईआर के कारण मुकदमा तो किसी भी मामले में दर्ज हो सकता है लेकिन अगर कोई जांच में निर्दोष पाया जाता है तो उसे क्लीनचिट भी मिल जाती है.

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नेटबंदी को लेकर बरसे मीणा

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इधर मंगलवार को विधानसभा में विधायक हरीश मीणा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बावजूद यूक्रेन में इंटरनेट चल रहा है और यहां पेपर आते ही सरकार नेट बंद कर देती है. उन्होंने कहा था कि पेपर पारदर्शिता से करवाना राजस्थान सरकार का काम है और सारी प्रक्रियाएं राजस्थान में होने के बावजूद यहां पेपर लीक हो जाते हैं. सरकार अपराधियों को बचाने और अपनी नाकामी छुपाने के लिए नेटबंदी करती है.

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