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‘गहरा सदमा, भीगी आंखें, रुंधा हुआ गला…’ शहीद जवान की वीरांगना ने बयां किया दर्द

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जयपुर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 2019 में शहीद हुए राजस्थान के 3 सीआरपीएफ जवानों की वीरांगनाओं का धरना जयपुर में खत्म हो गया है जहां बीते शुक्रवार की आधी रात पुलिस वीरांगनाओं को धरना स्थल से ले जाकर उनके गांव छोड़ दिया. वहीं अब शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू जाट ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं जहां मंजू का आरोप है कि उन्हें पुलिस ने घर में नजर बंद किया हुआ है और घर के बाहर 24 घंटे चारों तरफ पुलिस का पहरा लगा दिया गया है. बतााय जा रहा है कि मंजू जाट फिलहाल जयपुर में अपने ननद के घर में रह रही है. वहीं मंजू ने मीडिया से बात करते हुए रविवार को कहा कि उसके शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान हैं जो पुलिस की वजह से हुए हैं. इसके अलावा रविवार देर शाम को चित्रकूट पुलिस थाने की एसएचओ गुंजन सोनी मंजू जाट के मुलाकात करने पहुंची जहां मंजू ने पुलिस को मेडिकल कराने से इनकार कर दिया है. वहीं मंजू का एक वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जहां वह पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रही है. बता दें कि जयपुर में गहलोत सरकार से अनुकंपा नौकरी की मांग को लेकर शहीदों की तीन विधवाएं 10 दिनों से धरने पर बैठी थी जहां 9 मार्च की आधी रात पुलिस ने तीनों विधवाओं को जबरन हटा दिया जिसके बाद दो दिन तक वीरागंनाओं को किसी से मिलने नहीं दिया गया और अब रविवार 12 मार्च को शहीद रोहिताश लाम्बा की वीरांगना मंजू जाट का बयान सामने आया है जहां वह गहरे सदमें में दिख रही है और पुलिस के बर्ताव के बारे में बताने में भी असमर्थ दिख रही है.

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वीरांगना के घर के बाहर पुलिस का पहरा

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वहीं तीनों विरांगनाओं का पहले दिन से आरोप है कि उनकी तबीयत खराब होने का बहाना करते हुए उन्हें जबरन धरना स्थल से आधी रात में उठाया गया और उन्हें किसी अस्पताल में भर्ती करवाने की बजाय पुलिस गांव लेकर आ गई. फिलहाल मंजू जाट जिस घर में है वहां आसपास दिनभर पुलिस की तैनाती की गई है और बताया जा रहा है कि सोमवार को कई बीजेपी नेता मंजू जाट से मुलाकात करने जा सकते हैं. वहीं वीरांगना मंजू मीडिया से भी हाथ के इशारों में बात कर रही है और वह कुछ भी नहीं बोल रही है. वहीं वीरांगनाओं के मसले पर जयपुर में एडिशनल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर कुंवर राष्ट्रदीप का कहना है कि तीनों वीरांगनओं की तबीयत खराब हो रही थी जिसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें उठाकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

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यह दर्द शारीरिक नहीं, मानसिक है : केंद्रीय मंत्री शेखावत

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वीरांगना के इस वायरल वीडियो पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा है कि ‘यह दर्द केवल शारीरिक नहीं, मानसिक भी है! पुलिस की प्रताड़ना से वीरांगना इस अवस्था में पहुंच गई हैं कि बोलने तक में पीड़ा हो रही है और सरकार अपने डर के खेल में मानवीयता भूल चुकी है, यानी कि इनके दिन अब गिनती के हैं.’वहीं सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने इस वीडियो पर ट्वीट कर कहा है कि शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू जाट को पुलिस ने इतना मारा है कि बोल भी नहीं पा रही. मीणा ने कहा कि इतनी प्रताड़ना तो अंग्रेज भी नहीं देते थे और मुख्यमंत्री जी को यदि वीरांगनाओं की मांगें नहीं माननी हैं तो मत मानिए, लेकिन पुलिस को इन पर अत्याचार करने का अधिकार किसने दिया?

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