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जयपुर: राजस्थान में गहलोत सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. मिली जानकारी के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने इंटरकास्ट मैरिज पर प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का ऐलान करते हुए अब राशि को 10 लाख रुपए कर दिया है. मालूम हो कि पहले इंटरकास्ट मैरिज करने पर सरकार की ओर से 5 लाख रुपए दिए जाते थे. बता दें कि प्रदेश में डॉ सविता बेन अंबेडकर योजना के अंतर्गत अंतर्जातीय विवाह पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है जिसके तहत सरकार अब विवाहित जोड़ों को 10 लाख रुपए की राशि देगी. सीएम गहलोत गुरुवार को इस राशि बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी जारी कर दी. दरअसल यह योजना सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जाती है. बता दें कि सरकार की ओर से इस राशि के तहत 5 लाख रुपए 8 साल के लिए फिकस्ड डिपोजिट कराए जाएंगे और इसके बाद बाकी 5 लाख रुपए संयुक्त रूप से बैंक खाते में जमा करवाए जाएंगे. मालूम हो कि सीएम गहलोत ने साल 2023-24 के बजट में इस बारे में घोषणा की थी.
छूआछूत निवारण की दिशा में पहल
गौरतलब हो कि सरकार की ओर से छूआछूत निवारण की दिशा में किए गए इस प्रयास के तहत कोई भी सवर्ण हिन्दू तथा अनुसूचित जाति के बीच अन्तर्जातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है. वहीं योजना के तहत आर्थिक लाभ उन्हें मिलता है जिनकी उम्र 35 साल से कम हो. अन्तर्जातीय विवाह योजना के लिए प्रोत्साहन राशि का लाभ पाने के लिए कोई भी विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है जहां योजना की विस्तृत जानकारी और आवेदन पत्र उपलब्ध है.
कौन कर सकता है आवेदन ?
गौरतलब है कि अगर अनुसूचित जाति वर्ग के युवक और युवती किसी सवर्ण हिन्दू युवक और युवती से शादी करता है तो वही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. वहीं इसके साथ ही दोनों युवक और युवती को राजस्थान का निवासी होना अनिवार्य है और दोनों में से किसी की भी उम्र 35 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए.बता दें कि योजना के अंदर दी जाने वाली राशि लेने के लिए अंतरजातीय विवाह करने वाले युगल के पास विवाह के प्रमाण स्वरूप सक्षम प्राधिकरण या अधिकारी कार्यालय से जारी विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र होना जरूरी है. वहीं युगल की संयुक्त रूप से इनकम 2.50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए.