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चारधाम यात्रा को लेकर एक तरफ जहां श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ यात्रा के दौरान मरने वालों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. के दौरान इस साल अब तक 24 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. जिसमें 6 महिलाएं और 18 पुरूष शामिल हैं. केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो इसके लिए जिला प्रशासन हर सम्भव प्रयास कर रहा है. जगह-जगह केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर सड़क मार्ग पर 5 किलोमीटर के अन्तराल पर छोटे बडे अस्पताल से लेकर छोटे केंद्र खोले गए हैं. ताकि यात्रियों का चैकअप समय पर हो सके और उन्हे जल्द उपचार मिल सके.लेकिन फिर भी 23 दिनों में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है. ज्यादातर मौतों का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है. ऐसे में अब यहां ये सवाल खड़ा होता है कि स्वास्थ्य विभाग जब इतने दावे कर रहा है और केदारनाथ से लेकर सोनप्रयाग गौरीकुण्ड और हर जगह पैरामेडिकल स्टाफ और अस्पताल खोले हुए हैं, जगह जगह मरीजों को उपचार दिया जा रहा है तो भी इतनी मौते क्यों? वहीं मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग पूरा प्रयास कर रहा हैं.
सरकार ने जारी की है एडवाइजरी
वहीं राज्य में बदलते मौसम और हार्ट अटैक से हो रही लगातार श्रद्धालुओं की मौत के बाद धामी सरकार ने चारधाम यात्रा से संबंधित एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी के मुताबिक श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि यात्रा शुरु करने से पहले अपना पूरा चेकअप जरूर कराएं. इसका मुख्य कारण है मंदिर का ऊंचाई पर स्थित होना. मंदिर इतनी ऊंचाई पर है कि वहां ठंड, कम आर्द्रता और कम ऑक्सीजन के कारण लोगों को दिक्कत हो जाती है इसलिए यात्रा पर वो ही आएं जो पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं.यात्रियों को चारधाम की यात्रा करने से पहले रोजाना 5-10 मिनट तक ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने की सलाग दी गई है. इसके साथ ही रोजाना 20-30 मिनट टहलने की सलाह दी गई है. वहीं यात्रा पर आने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें.