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नई दिल्ली: एक बार फिर दिल्ली बनाम केंद्र सरकार की लड़ाई छिड़ गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल केंद्र सरकार ने जैसे ही सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के लिए बंद हुआ. कुछ घंटे बाद ही ऑर्डिनेंस (अध्यादेश) लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने पलट दिया. सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था कि सर्विसेज दिल्ली सरकार के अंडर में आएगी. कोर्ट 4 बजे बंद हुआ और केंद्र सरकार 10 बजे अध्यादेश ले आई.केंद्र सरकार पर हमलावर होते हुए केजरीवाल ने कहा कि इन्होंने पहले दिन ही सोच लिया था कि अध्यादेश लाना था. इसमें 8 दिनों का अंतर था. पहले तीन दिन सर्विस सेक्रेटरी गायब रहा, फिर चीफ सेक्रेटरी ने 3 दिन खराब किए तो सवाल ये है कि सुप्रीम कोर्ट के बंद होने के बाद ही अध्यादेश क्यों लेकर आए?
कोर्ट खुलते ही करेंगे चैलेंज- सीएम केजरीवाल
इसके साथ ही सीएम केजरीवाल ने कहा कि इनका मन साफ नहीं था, तो क्या ये अध्यादेश इस सवा महीने के लिए ही लाया गया है? कोर्ट खुलते ही हम चैलेंज करेंगे. सीएम ने कहा कि दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने उस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. इसका मतलब क्या है जब उस जजमेंट को ही खत्म कर दिया. केजरीवाल ने कहा कि यह अध्यादेश दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को तमाचा है. दिल्ली की जनता को सरकार चुनने का अधिकार है. इस तरह से से सरेआम जनतंत्र को कुचलना सही नहीं है.
बिल न पास होने को लेकर विपक्षी दलों से करेंगे बात
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह दिल्ली के लोगों के बीच जाएंगे. बहुत जल्द महारैली भी करेंगे. साथ ही कहा कि मुझे लगता है कि दिल्ली में बीजेपी को सात में से 1 भी सीट नहीं मिलेगी. केजरीवाल ने आगे कहा कि आज इस मंच से सभी विपक्षी दलों से कहूंगा कि इस बिल को राज्यसभा में पास नहीं होने देना है. वब खुद सभी विपक्षी नेताओं से बात करेंगे. इस बिल को राज्यसभा में न पास होने का प्रयास करेंगे.
2000 के नोटों को लेकर सीएम ने साधा निशाना
इसके साथ ही दिल्ली के सीएम ने आरबीआई द्वारा 2000 के नोट वापस लिए जाने के फैसले पर केंद सरकार को घेरा. उन्होंने कि मोदी सरकार 3-4 सालों में जनता को लाइन में लगा देती है. जब 2000 के नोट आए थे. तब बोला गया था कि इन नोटों से भ्रष्टाचार खत्म होगा. जब नोट हटा रहे हैं तो फिर बोल रहे हैं कि इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा.