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उद्धव ठाकरे के गुट का शरद पवार की एनसीपी में विलय होने जा रहा है. इसकी तारीख भी तय हो गई है. अपनी तय तारीख में ठाकरे गुट का एनसीपी में विलय हो जाएगा. यह दावा बीजेपी विधायक नितेश राणे ने किया है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस काम को पूरा करने के लिए संजय राउत को 100 करोड़ की दलाली मिली है. संजय राउत ठाकरे गुट को एनसीपी में विलय करवान के काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.बीजेपी विधायक नितेश राणे ने ठाकरे गुट के एनसीपी में विलय की तारीख भी बता दी है. नितेश राणे का दावा है कि 19 जून को ठाकरे गुट और एनसीपी में विलय का कार्यक्रम संपन्न होगा और फिर संजय राउत को इस काम के एवज में दिया जाने वाले कमीशन का पेमेंट कर दिया जाएगा.
BJP विधायक नितेश राणे के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में कोहराम
नितेश राणे ने आज की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘उद्धव ठाकरे का गुट आधिकारिक तौर पर एनसीपी के साथ विलय करने वाला है. उद्धव ठाकरे इसका ऐलान 19 जून को करने वाले हैं. यह सही है या गलत? संजय राउत बताएं. 19 जून को उद्धव ठाकरे को शिवसेना की सालगिरह बनाने का कोई हक नहीं है. शिवसेना तो आज एकनाथ शिंदे के पास है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) यानी ठाकरे गुट की स्थापना की तारीख 10 अक्टूबर 2022 है. क्योंकि उसी दिन उद्धव ठाकरे गे गुट को ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम और चुनाव चिन्ह ‘मशाल’ हासिल हुआ था.’
‘ठाकरे गुट की एनसीपी में विलय के लिए संजय राउत का कमीशन 100 करोड़ तय’
नितेश राणे ने आगे कहा, ‘मेरी जानकारी में महाविकास आघाड़ी के गठन के वक्त संजय राउत को 200 करोड़ रुपए का कमीशन मिला था. उद्धव ठाकरे को एनसीपी में विलय के लिए तैयार करने के बदले संजय राउत को 100 करोड़ रुपए का ऑफर है. संजय राउत बीजेपी पर बोलने से पहले, पीएम मोदी पर बोलने से पहले, देवेंद्र फडणवीस पर बोलने से पहले अपने मालिक की हैसियत क्या रह गई है, इस पर बोलें या एक संपादकीय लिखें.’
‘दूसरों की पार्टी और झंडे पर राय देने से पहले, उद्धव अपने गुट के अंदर झांकें’
बीजेपी विधायक ने कहा कि ‘इसलिए 19 जून को मुंबई के षण्मुखानंद हॉल में होने वाली उद्धव ठाकरे की सभा अवैध और नियमविरुद्ध है. शिवसेना की सालगिरह मनाने वाले कार्यक्रम के आयोजन का अधिकार उद्धव ठाकरे को नहीं है. चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक सीएम एकनाथ शिंदे जो सभा आयोजित कर रहे हैं, शिवसेना की वही अधिकृत शिवसेना की सालगिरह से जुड़ी सभा होने वाली है.दूसरों के झंडे, दूसरों की पार्टी पर बोलने से पहले अपने गुट में क्या चल रहा है उद्धव वो देखें.’ नितेश राणे ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव आयोग है. सर्वोच्च न्यायालय है. शिवसेना नाम और धनुषबाण चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे को दिया जा चुका है. 19 जून को शिवसेना के नाम से उद्धव जो कार्यक्रम करने जा रहे हैं वो अवैध है. राजनीतिक लावारिस हो चुके उद्धव को यह सलाह है कि वे दूसरों के मां-बाप की चोरी ना करें.