REPORT TIMES
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग को 14 घंटे बाद काबू तो पा लिया गया, लेकिन तीसरे, चौथे, पांचवें और छठें फ्लोर पर रखीं सरकारी फाइलें जलकर राख हो गईं. इनमें कई विभागों की महत्वपू्र्ण फाइलें थीं, जो आग में स्वाहा हो गईं. सूत्रों के मुताबिक, करीब 12 हजार फाइलें, कुर्सी-टेबल और अन्य फर्नीचर जल गए. फिलहाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आग की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. वह खुद इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं.बता दें कि घटना बीते सोमवार शाम करीब चार बजे हुई. अचानक सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल से आग की लपटें उठने लगीं. देखते ही देखते आग चौथे, पांचवें और छठें फ्लोर तक पहुंच गई. जब तक फायर ब्रिगेड की टीम घटनास्थल पर पहुंचती, आग ने चारों फ्लोर को अपनी चपटे में ले लिया. फायर ब्रिगेड की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन आग बुझाने में सफलता नहीं मिली.
CISF-सेना की मदद से बुझाई गई आग
देखते ही देखते ही सरकार में मंत्री, शासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. आसपास के जिलों से भी फायर की गाड़ियां और हाईड्रोलिक मशीन मंगाई गई. फिर भी आग को बुझाने में सफलता नहीं मिली. आग बढ़ती देख सीएम शिवराज सिंह चौहान एक्टिव हो गए. उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात कर सेना की मदद मांगी. गृहमंत्री अमित शाह ने मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सीआईएसएफ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को भेजा.
हेल्थ कमिश्नर का ऑफिस जलकर राख
करीब 14 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आज सुबह आग पर काबू पाया जा सका. बता दें कि सतपुड़ा भवन के फोर्थ फ्लोर पर हेल्थ कमिश्नर का दफ्तर है. इनके ऑफिस में रखे सार महत्वपूर्ण कागजात आग से जलकर राख हो गए. थर्ड फ्लोर पर आदिवासी विभाग का ऑफिस है. इस विभाग के भी महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए. वहीं पांचवां और छठां फ्लोर भी आग से प्रभावित रहा. पांचवें फ्लोर पर आयुष विभाग है. यहां भी सबकुछ जलकर राख हो गया.
दूसरे फ्लोर पर नहीं लगी आग, बच गईं सरकार की फाइलें
सतपुड़ा भवन में लगी आग से स्वास्थ्य विभाग की स्थापना शाखा, नर्सिंग शाखा, शिकायत शाखा, लेखा शाखा, आयोग शाखा की फाइलें जलकर राख हुई हैं. वहीं विधानसभा प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वालें सवालों की फाइलें भी जली हैं. वहीं हॉस्पिटल प्रशासन शाखा जो कि सतपुड़ा भवन के दूसरे फ्लोर पर संचालित है, आग से जलने से बच गया. अस्पताल के लिए खरीदे गए उपकरण, फर्नीचर यहीं पर रखे गए थे, जो जलने से बच गए हैं. वहीं कुछ महत्वपूर्ण फाइलें भी थीं, जो आग से प्रभावित नहीं हुईं.अब सतपुड़ा भवन की आग को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस शिवराज सरकार को निशाने पर ले रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सतपुड़ा भवन में आग लगी या लगाई गई, यह सबसे बड़ा प्रश्न है. जिस तरह से विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व में भी और इस बार भी सतपुड़ा भवन में आग लगी है, वह छोटी बात नहीं है. 12,000 फाइलें जल गईं. यह फाइलें नहीं सरकार का भ्रष्टाचार जला है. आग लगने की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.