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चक्रवात बिपारजॉय अरब सागर में विकराल रूप में है. आशंका है कि 15 जून को चक्रवात तूफान गुजरात के जखाऊ तट को पार करेगा. इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि अरब सागर में उठा बिपारजॉय सबसे लंबा समय बिताना वाला चक्रवात है. 6 जून को तड़के 5.30 बजे अरब सागर में चक्रवात बिपारजॉय शुरू हुआ था. इसे अबतक 7 दिन 12 घंटे हो चुके हैं. 57 साल में यह ऐसा तीसरा चक्रवात है जो देश के पश्चिमी राज्य (गुजरात) से होकर गुजरेगा.आईएमडी ने 1965 से 2022 के बीच बताया कि जून महीने में 13 चक्रवात अरब सागर में उठे. इनमें दो गुजरात तट और एक महाराष्ट्र से होकर गुजरा. इनके अलावा एक पाकिस्तान, तीन ओमान-यमन तट और 6 अरब सागर में ही खत्म हो गया. 2023 से पहले जून महीने में सिर्फ दो चक्रवात गुजरात तट से गुजरा है. इनमें एक 1996 में गंभीर और एक 1998 में अत्यंत गंभीर चक्रवात रहा. अब चक्रवात बिपारजॉय इसी रास्ते से गुजरेगा, जो आज मंगलवार से सात दिन 12 घंटे पहले बना था.
अरब सागर और यहां उठे चक्रवात
अरब सागर पश्चिम में अफ्रीकी हॉर्न और अरब पेनिंसुला, उत्तर में ईरान और पाकिस्तान, पूर्व में भारत और दक्षिण में हिंद महासागर के कुछ हिस्से से घिरा है. चक्रवात बिपारजॉय अरब सागर के दक्षिण-पूर्व में उठा है. इससे पहले जून महीने में चक्रवात क्यार 2019 में उठा था जो 9 दिन 15 घंटे तक रहा. हालांकि, यह इसी सागर में खत्म हो गया और इसका लैंडफॉल नहीं हुआ. 2018 में चक्रवात गाजा उठा और इसका भी जीवन काल 9 दिन 15 घंटे रहा. हालांकि, यह चक्रवात भी इसी सागर में उठकर समाप्त हो गया.
चक्रवात बिपारजॉय की 150 KMPH की स्पीड
अब चक्रवात बिपारजॉय, जिसके 15 जून, गुरुवार की दोपहर तक सौराष्ट्र और कच्छ समेत गुजरात के मांडवी और कराची के बीच पाकिस्तान तट से गुजरेगा. मौसम विभाग ने बताया कि इस बीच 125-135 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है, जो 150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक पहुंच सकता है.
15 जून तक गुजरात, महाराष्ट्र में अलर्ट
मौसम विभाग ने 15 जून तक गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में भारी बारिश की चेतावनी दी है. इस बीच मछुआरों को समुद्र तट से दूर रहने कहा गया है. रेलवे, हवाई यात्रा प्रभावित होगी. महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और राजस्थान के कुछ हिस्सों में इसका असर दिख सकता है. गुजरात के तटीय हिस्से में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है. स्कूल बंद किए गए हैं. समुद्र तट के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने कहा गया है.