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गुजरात के जूनागढ़ में हिंसा के बाद तनाव कायम है. पुलिस की कई टुकड़ियां शहर में गश्त कर रही हैं. पुलिस अफसरों के मुताबिक,174 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस के अधिकारी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रहे हैं. इस उपद्रव में एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई है. वहीं, एक पुलिस अधिकारी समेत चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं. दरअसल, जूनागढ़ म्युनिसिपल कारपोरेशन की ओर से मजेवाड़ी दरवाजा के पास बने दरगाह को नोटिस दिया गया था. निगम के अधिकारियों ने 5 दिनों के अंदर दरगाह से जुड़े जमीन दस्तावेज को दिखने के लिए बोला था. बस इसी बात पर एक समुदाय के लोग नाराज हो गए. पुलिस अफसरों के मुताबिक, 500-600 लोग अचानक आए और मजेवड़ी थाने पर हमला बोल दिया. उपद्रवी पुलिस को निशाना बनाते हुए पत्थर बरसा रहे थे. इस हमले में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी, पीएसआई और पुलिस कर्मी घायल हो गए. इस दौरान उपद्रवियों ने एक सरकारी वाहन में भी आग लगा दी.
पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए छोड़ने पड़े आंसू गैस
जूनागढ़ के एसपी रवि के मुताबिक, दरगाह को नगर निगम ने 5 दिनों के भीतर दस्तावेज पेश करने का नोटिस दिया गया था. इसी को लेकर करीब 500-600 लोग जमा हो गए. वह सड़क जाम करने की फिराक में थे. पुलिस उन्हें समझा ही रही थी कि रात करीब 10.15 बजे पत्थरबाजी शुरू कर दी. फिर पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया.पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े.
हमले में बस के शीशे टूट गए
वहीं, ऐसा दावा किया जा रहा है कि एसटी बस को निशाना बनाते हुए उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की. जिसकी वजह से बस के शीशे टूट गए. ऐसा दावा किया जा रहा था कि बस को आग लगाने की भी कोशिश की गई. हालांकि, प्रशासन ने इससे इंकार किया है. पुलिस अफसरों के मुताबिक, बस में बैठे किसी यात्री को चोटें नहीं आई हैं. हालांकि, हमले में ड्राइवर को हल्की चोटें आई हैं.