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चिड़ावा। प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित श्रीकांत शर्मा ने कहा कि वर्तमान में आध्यात्म के संरक्षण की महत्ती आवश्यकता हैं। लेकिन युवा जोश में होश खो देते हैं और बुजुर्गों में बुढ़ापे में जोश नहीं होता। ऐसे में आध्यात्म संरक्षण के लिए युवाओं के जोश और बुजुर्गों के होश का सामंजस्य करना होगा। वे आज चिड़ावा आए थे। उन्होंने शहर के नगर सेठ के रूप में पूजित कल्याण प्रभु के दर्शन भी किए। उन्होंने इस दौरान मंदिर महंत रवि पुजारी, हीरालाल पुजारी, नरोत्तम पुजारी आदि से मंदिर के इतिहास की जानकारी ली
और चिड़ावा शहर के इतिहास और यहां के संतों के बारे में जानकर उन्होंने कहा कि इस पवित्र भूमि जिसे शिव नगरी कहा जाता है आकर उनको काफी सुकून मिलता है। कथाव्यास शर्मा ने आध्यात्म से युवाओं को जोड़ने के लिए गीता प्रेस गोरखपुर की किताबों को पढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्कूल कॉलेजों के कोर्स में भी गीता प्रेस गोरखपुर की पुस्तकों को शामिल किया जाना चाहिए। तभी आध्यात्म जागृत होगा और समाज सही दिशा में चल सकेगा। लव जिहाद की घटनाओं पर चिंता जताते हुए शर्मा ने कहा कि माता पिता को भी बच्चों को आध्यात्म, धर्म ग्रंथों की शिक्षा देनी चाहिए ताकि बच्चे सही मार्ग पर चलें और रास्ता ना भटके।
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