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कोलकाता. 20 जून को कोलकाता में का आयोजन किया जाएगा. रथ यात्रा की पूरी तैयारी पूरी हो गई है. भगवान बलदेव का रथ ऊंचाई में सबसे बड़ा है. इसकी पूरी ऊंचाई 38 फीट है, जबकि भगवान जगन्नाथ का रथ बलदेव के रथ से छोटा है, लेकिन सुभद्रा के रथ से बड़ा है. सुभद्रा देवी का रथ सबसे छोटा है और इसमें लोहे के पहिए लगाये गए हैं. इसकी पूरी ऊंचाई 36 फीट है. कोलकाता इस्कॉन के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास ने शनिवार यह जानकारी देते हुए कहा कि सीएम ममता बनर्जी 20 जून को रथ यात्रा का उद्घाटन करेंगी. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी 20 जून को दोपहर 1 बजे मिंटो पार्क के पास इस्कॉन मंदिर, 3सी, अल्बर्ट रोड से रथ यात्रा का उद्घाटन करेंगी. इस अवसर पर डोना गांगुली और उनकी मंडली द्वारा नृत्य प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि साल 1972 में इस्कॉन के संस्थापक-आचार्य भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा स्थापित कोलकाता रथ यात्रा जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा बन गई है. उन्होंने कहा कि इस रथ यात्रा में 15 से 16 लाख से अधिक लोग शामिल होते हैं. आज इस्कॉन 170 से अधिक देशों और दुनिया भर के 800 से अधिक शहरों और कस्बों में रथ यात्राओं का आयोजन करता है.
20 जून को सीएम ममता बनर्जी करेंगी कोलकाता की रथ यात्रा का उद्घाटन
उन्होंने कहा कि सुबह 8 बजे पहुंडी विजया के तहत भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी अपने-अपने रथों में इस्कॉन मंदिर से चलेंगे. सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक भगवान जगन्नाथ के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. दोपहर 1 बजे मुख्यमंत्री का आगमन होगा और डोना गांगुली और उनकी मंडली द्वारा नृत्य प्रदर्शन किया जाएगा. दोपहर 2 बजे रथ यात्रा शुरू होगी.
उन्होंने कहा कि साथ ही तीन ट्रॉलियों में भगवान और उनके भक्तों के विभिन्न लीलाओं को दर्शाया जाएगा. साथ ही, चार मिनी वैन बच्चों द्वारा की जाने वाली भगवान की विभिन्न लीलाओं को प्रदर्शित करेंगी. भक्त कलाकार सैकड़ों ड्रम और झांझ के साथ प्राकृतिक जैविक गुलाल और कीर्तनियों का उपयोग करके सड़क कला का निर्माण करेंगे और कीर्तन करेंगे. उन्होंने कहा कि कोलकाता में इस साल रथ यात्रा का विषय ‘मन की शांति’ है. दुनिया भर में मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों की बढ़ती संख्या के साथ, इस्कॉन के भक्त जनता को शिक्षित करेंगे कि इन बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी मन की शांति कैसे बनाए रखी जाए. इस्कॉन का मिशन अज्ञानता के अंधकार को दूर करना और आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से लोगों को शांति की ओर ले जाना है.
भगवान बलदेव का रथ है सबसे ऊंचा, 38 फीट की है ऊंचाई
उन्होंने कहा कि भगवान बलदेव का रथ ऊंचाई में सबसे बड़ा है. इसकी पूरी ऊंचाई 38 फीट है, और यह लगभग 36 फीट लंबा और 18 फीट चौड़ा है. उन्होंने कहा कि भगवान बलदेव का रथ 98 फीसदी लोहे की संरचना से बना है और इस्कॉन पिछले 45 वर्षों से उसी रथ का उपयोग कर रहा है. भगवान बलदेव का रथ देवी सुभद्रा के रथ और जगन्नाथ के रथ से पहले का है. उन्होंने कहा कि सुभद्रा देवी का रथ सबसे छोटा है और इसमें लोहे के पहिए हैं. इस रथ को 2002 में मुंबई से एक ट्रेलर में लाया गया था, क्योंकि पुराना सुभद्रा देवी का रथ कोलकाता में चोरी हो गया था. उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ का रथ बलदेव के रथ से छोटा और सुभद्रा के रथ से बड़ा है. इसकी पूरी ऊंचाई 36 फीट है और यह लगभग 30 फीट लंबा, 17 फीट चौड़ा है. इसकी भारी संरचना का समर्थन करने के लिए इसमें विशाल ठोस लोहे के पहिये हैं. उन्होंने कहा कि कि 21 जून से 27 जून 2023, (समय: दैनिक शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे तक): इसके अतिरिक्त, 21 जून से ब्रिगेड परेड ग्राउंड (पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन के सामने) में उत्सव 22023 प्रतिदिन शाम 4 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक महोत्सव का आयोजन किया गया है.