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ओलंपिक मेडल विजेता साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को लेकर एक वीडियो जारी किया है. इसमें उन्होंने नाबालिग महिला पहलवान के परिवार को डराने और धमकाने का आरोप लगाया है.SAKSHI MAILIK का कहना है कि बृजभूषण की धमकियों के बाद ही बयान बदला गया. साक्षी का कहना है कि नाबालिग पहलवान ने पहले पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया. लेकिन जैसे ही परिवार को धमकी मिली, वैसे ही बयान भी बदल गए.साक्षी मलिक के साथ वीडियो में उनके पति सत्यव्रत कादियान भी नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन राजनीति से प्रेरित नहीं है. इतने सालों तक आरोप नहीं लगाने को लेकर उठ रहे सवाल पर साक्षी ने उन्होंने कहा कि हमें लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था, मगर कुश्ती समुदाय एकजुट नहीं था. इस वजह से बृजभूषण के खिलाफ आवाज नहीं उठाई गई. कादियान ने बताया कि प्रदर्शन को लेकर झूठी बातें कही जा रही हैं.
छेड़छाड़ के बारे में 90 फीसदी लोगों को थी जानकारी
सत्यव्रत कादियान का कहना है कि कुश्ती समुदाय से जुड़े 90 फीसदी लोगों को बखूबी ये बात मालूम है कि पिछले 10-12 सालों से छेड़छाड़ और डराने-धमकाने का काम चल रहा है. कुछ लोगों ने आवाज उठाना भी चाहा, मगर कुश्ती समुदाय एकजुट नहीं था. कादियान ने ये भी साफ किया कि लड़ाई डब्ल्यूएफआई चीफ के खिलाफ है, न कि सरकार के.बृजभूषण के खिलाफ चुप्पी साधे रहने पर साक्षी ने भी कादियान की बात को दोहराया. उन्होंने कहा कि हम लोग सिर्फ इसलिए चुप थे, क्योंकि कोई एकजुट नहीं था. साक्षी का कहना है कि आप देख सकते हैं कि किस तरह से नाबालिग महिला पहलवान ने भी अपना बयान बदल दिया है. उसके परिवार को डराया-धमकाया गया.ओलंपिक विजेता ने कहा कि ये पहलवान गरीब परिवारों से आते हैं. किसी ताकतवर व्यक्ति से लड़ने के लिए हिम्मत जुटाना आसान नहीं होता है.
राजनीति से प्रेरित नहीं है प्रदर्शन
पहलवानों के प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक धरने वाली जगह पर पहुंचे थे. उन्होंने पहलवानों का समर्थन भी किया था. इसके बाद कहा जाने लगा कि धरना राजनीति से प्रेरित है. हालांकि, पहलवानों ने साफ कर दिया है कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. सत्यव्रत कादियान का कहना है कि इस प्रदर्शन को कांग्रेस की तरफ से समर्थन नहीं दिया जा रहा है.