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गहलोत-पायलट की ‘नई-नई’ दोस्ती में फिर दरार, मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा बर्खास्त

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राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है. मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यपाल से गुढ़ा को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी. गुढ़ा ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गहलोत सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि मणिपुर की बजाय उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. गुढ़ा गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री थे.बताया जा रहा है कि गुढ़ा की ओर से सरकार की आलोचना मुख्यमंत्री गहलोत को नागवार गुजरी थी. जिसके बाद गहलोत ने आज शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र से गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी. राज्यपाल ने बिना देर किए सीएम की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए गुढ़ा को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया. दरअसल, राजस्थान विधानसभा में बोलते हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने खुद की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमें मणिपुर के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हम राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर असफल रहे हैं. राज्य में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है इसलिए हमें मणिपुर के बजाय सबसे पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

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मंत्री की टिप्पणियों के सहारे बीजेपी ने बोला हमला

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गुढ़ा की ओर से अपनी सरकार पर सवाल उठाए जाने के बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी भी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई थी. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने ट्वीट करते हुए कहा था कि राज्य में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की घटनाओं की पोल खुद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने खोल दी है. उन्होंने आगे कहा, सरकार का मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और एक मंत्री का बयान सरकार का बयान माना जाता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमारी नहीं तो कम से कम अपने मंत्री के बयान पर तो संज्ञान लें.

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बता दें कि राजस्थान में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में गहलोत सरकार यह नहीं चाहती है कि जनता के बीच में जाने से पहले किसी भी मुद्दे पर उसकी किरकिरी हो और विरोधियों को मौका मिले. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यही वजह है कि गुढ़ा की ओर से सरकार पर सवाल उठाए जाने के कुछ ही घंटे भीतर ही गहलोत ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला किया है.
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