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राजस्थान सरकार के बर्खास्त मंत्री और उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में दुर्योधन और दुशासन बैठे हैं और गुढ़ा में जब तक जान है, वह उनसे लड़ेगा. मंत्री पद से बर्खाश्तगी और विधानसभा से बाहर निकाले जाने के बाद उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में सरकार के खिलाफ ऊंट गाड़ी यात्रा शुरू की है. यह यात्रा झड़ाया बालाजी मंदिर से शुरू हुई. मंगलवार को यह उदयपुरवाटी के पचलंगी, कैरोठ, पापड़ा और बाघोली तक निकाली गई. इसके बाद राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस सरकार में मंत्री रहा. इन लोगों के बीच रहा, मैं इनके सारे काले कारनामे जानता हूं और पूरे प्रदेश में जाकर इनका खुलासा करूंगा.
गहलोत या वंसुधरा की मेहरबानी से नहीं जीतता
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैं पांच साल से आपके विधानसभा क्षेत्र का चेहरा रहा. हमने हेल्थ, सड़कों के मामले में काम किया. चाहे पानी हो बिजली हमने जान लगा के काम किया ताकत आपने मुझे दी, उस पूरी ताकत से काम किया. हमारी बहन बेटियों ने मुझे वोट देकर विधानसभा में भेजा था. इस उम्मीद के साथ भेजा था कि राजस्थान की विधानसभा में बैठ कर हमारी सुरक्षा करने का काम किया जाएगा. युवाओं ने इस उम्मीद के साथ भेजा था कि हमारे साथ अन्याय नहीं होगा, हमें रोजगार मिलेगा. मैंने पूरी ताकत के साथ आपका दिया हुआ कर्जा पूरा करने का काम किया. गुढ़ा ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से भी मेरे पास कोई आदमी आया तो भी मैंने कभी उसे निराश नहीं किया. मेरी जीत के पीछे आप लोगों का योगदान है. मैं गहलोत या वसुंधरा की मेहरबानी से नहीं चुनाव जीता. किसी की मेहरबानी से विधानसभा में नहीं बैठा, मुझे आप लोगों ने भेजा.
दुष्कर्म के मामलों में पहले नंबर पर राज्य
गुढ़ा ने कहा कि महिला अपराधों के मामले में राजस्थान पहले नंबर है. महिलाओं के प्रति गुंडागर्दी में यह प्रदेश सबसे आगे है. ये आंकड़े देखकर मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. विधानसभा में हमारे राजस्थान के सबसे सीनियर मिनिस्टर और सरकार में नंबर दो के मंत्री ने बड़ी बेहुदगी से यह कह दिया कि यह तो मर्दानगी की निशानी है. 10 साल की मासूम से दुष्कर्म के मामले में बहस के दौरान उन्होंने यह बात कही. इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या होगी.
मुझसे कहते हैं माफी मांगों
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि विधानसभा में मैंने मणिपुर के मामले में यह कह दिया कि अपने गिरेबां में देखो. कांग्रेस के विधायक यहां से साढ़े तीन हजार किमी दूर मणिपुर के मामले में विरोध कर रहे थे, तो मैंने क्या गलत कह दिया कि अपने गिरेबां में झांको. मुझे तुरंत ही बर्खास्त कर दिया. मुझसे कहते तो मैं इस्तीफा दे देता. गुढ़ा ने कहा कि मैंने अशोक गहलोत को दो बार मुख्यमंत्री बना दिया. वही आज मुझ पर आरोप लगा रहे हैं कि गुढ़ा बीजेपी से मिला है. जबकि आपके कहने से मैंने राज्य सभा के वोट डाले, राष्ट्रपति के वोट डाले, सरकार की रक्षा की. गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस के प्रभारी रंधावा कहते हैं कि माफी मांगों. मैं किस बात की माफी मांगू. और जब मुझे पैर ही पकड़ने हैं तो आप लोगों के पकडूंगा. मेरे घर में मां बाप हैं, उनके पकडूंगा. इन लोगों से क्यों माफी मांगू.
लाल डायरी छीनना चाहते थे मंत्री-विधायक
गुढ़ा ने कहा कि मैं सदन के पटल पर लाल डायरी रखना चाहता था, जिसमें सरकार के काले कारनामे लिखे हैं. मंत्री पद से बर्खाश्त कर देने के बाद विधानसभा में मेरी सीट नहीं थी. एमएलए की सीट मुझे अलॉट नहीं की गई. मैं अध्यक्ष से मेरी सीट के लिए पूछ रहा था और उन्होंने मुझे चुप रहने को कहा. मैं लाल डायरी पटल पर रखता, उससे पहले ही कांग्रेस के मंत्री और विधायक मुझ पर टूट पड़े और विधानसभा के सारे कैमरे बंद कर दिए. वह लोग डायरी छिनना चाह रहे थे. लेकिन 25 लोगों के सामने अकेला आदमी कहां ठहरता. उन लोगों ने वह डायरी छीन ली.
महेश जोशी का भी किया जिक्र
गुढ़ा ने अपने भाषण में कहा कि सरकार का एक मंत्री है महेश जोशी. मीणा समाज के एक व्यक्ति ने वीडिया पर लाइव आकर कहा कि मुझे महेश जोशी परेशान करता है और इसके बाद उसने सुसाइड कर ली. वो आदमी मर गया, लेकिन किसी ने महेश जोशी से नहीं पूछा. उसकी जगह गुढ़ा होता तो जेल में डाल देते. सभा के आखिर में राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हम जल्द ही एक बड़ी मीटिंग बुलाएंगे. जिसमें सभी को आना है. आज यह यात्रा उदयपुरवाटी में हो रही है, लेकिन जल्दी ही हम इसे पूरे राजस्थान तक ले जाएंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.