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भारतीय फुटबॉल टीम का एशियन गेम्स में हिस्सा लेने का रास्ता साफ हो गया है. भारत की मैंस और विमेंस दोनों टीमें 23 सितंबर से 8 अक्टूबर के बीच चीन में होने वाले एशियाड में चुनौती पेश करेगी. मौजूदा चयन मानदंडों में छूट देने के बाद ही दोनों के एशियन गेम्स में जाने का रास्ता साफ हो पाया. दरअसल भारत की मैंस और विमेंस टीमें रैंकिंग में एशिया की टॉप 8 में शामिल नहीं थी.इसी वजह से भारतीय ओलिंपिक संघ ने उन्हें एशियाड में हिस्सा लेने की मंजूरी नहीं दी थी. एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद टूटते देख भारतीय फुटबॉल फेडरेशन ने खेल मंत्रालय से टीमों को एशियन गेम्स में भेजने की अपील की थी. भारतीय मैंस टीम के कोच इगोर स्टिमक ने पीएम नरेन्द्र मोदी से भी इस मामले में दखल देने की अपील की थी. इसके बाद बुधवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट करने फैंस को खुशखबरी दी.
टीमों को दी गई छूट
ठाकुर ने लिखा कि देश के फुटबॉल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है. हमारी मैंस और विमेंस दोनों टीमें एशियन गेम्स में हिस्सा लेगी. अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि भारत सरकार की यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री ने दोनों टीमों के हिस्सा लेने के लिए नियमों में छूट देने का फैसला किया है. खेल मंत्री ने कहा कि मौजूदा मानदंडों के अनुसार दोनों टीमें क्वालिफाई नहीं कर पा रही थी.
छूट देने की वजह
क्वालिफाई नहीं करने के बावजूद दोनों टीमों को एशियन गेम्स में भेजने के पीछे की वजह भी खेल मंत्री ने बताई. उन्होंने कहा कि नियमों में छूट दोनों टीमों के मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए दी गई. मैंस टीम लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही है. हाल में टीम ने सैफ चैंपियनशिप और इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीता था. उन्होंने विश्वास जताया है कि टीम इस फैसले को सही साबित करेगी और बेस्ट प्रदर्शन करके पूरे देश को गर्व करने का मौका देगी.
क्या है नियम
दरअसल टीम इवेंट के लिए मंत्रालय के चयन मानदंडों के अनुसार उसी टीम को एशियन गेम्स में खेलने की मंजूरी दी जाती है, जो अपने खेल में एशिया की टॉप 8 टीमों में शामिल हैं. भारत की मैंस टीम की एशिया में रैंकिंग 18 है, जबकि विमंस टीम की रैंकिंग 11 है.