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क्या एक से दूसरे इंसान में भी फैल सकती है रेबीज की बीमारी, जालौन की घटना से क्या है कनेक्शन?

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उत्तर प्रदेश के जालौन में अजीब घटना सामने आई है. इस इलाके में एक कुत्ते ने 2 साल की बच्ची को काट लिया था. इसके कुछ समय बाद मासूम की मौत हो गई. लेकिन इस दौरान बच्ची ने खेल-खेल में गांव और अपने परिवार के करीब 50 लोगों को काट लिया था. अब बच्ची की मौत के बाद ये सभी लोग डरे हुए हैं और रेबीज का टीका लगवा रहे हैं. लोगों को डर है कि उनमें भी यह बीमारी फैल सकती है. अब सवाल यह है कि क्या रेबीज की बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है या नहीं? आइए जानते हैं कि इस बारे में एक्सपर्ट क्या कहते हैं. राजस्थान के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय में डॉ. एन.आर रावत बताते हैं कि रेबीज की बीमारी जानवरों से इंसान में फैलती है. शरीर में इस बीमारी के लक्षण उभरने में कुछ दिन या महीनों का समय भी लग सकता है. हालांकि संक्रमित होने के चार से छह हफ्ते के भीतर इसके लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं. कुछ मामलों में छह से आठ महीने का समय भी लग सकता है. जालौन में हुए मामले में भी ऐसा हुआ है बच्ची को जब कुत्ते ने काटा था तो कुछ समय बाद उसमें रैबिज के लक्षण आए थे. शायद टाइप पर लक्षणों की पहचान और टीकाकरण न होने से उसकी मौत हो गई.

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क्या होता है रेबीज

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डॉ रावत बताते हैं कि रेबीज एक वायरस होता है जो जानवरों की लार में पाया जाता है. संक्रमित जानवर के काटने से ये वायरस इंसान में भी फैल जाता है. रेबिज होने पर इंसान में कुछ समय बाद ही लक्षण दिख सकते हैं. इसमें घबराहट, खाना निगलने में कठिनाई, मुंह से ज्यादा लार आना और चेहरे के हाव-भाव बदलना जैसी परेशानी होती है. रेबीज का वायरस दिमाग पर असर करता है और आजतक इसका कोई इलाज नहीं है. केवल टीकाकरण के जरिए इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है.

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क्या एक से दूसरे इंसान में भी फैल सकती है ये बीमार

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अब जिन लोगों को बच्ची ने काटा है क्या उनको भी रेबीज हो सकता है? इस सवाल के जवाब में डॉ रावत कहते हैं कि रेबिज लार के माध्मय से फैलता है, लेकिन इंसान में इसका संक्रमण तभी मुमकिन है जब ये वायरस इंसान के अंदर चला जाए. अगर वायरस शरीर में नहीं गया है तो ट्रांसमिशन का खतरा नहीं है. जालौन वाली घटना के मामले में जिन लोगों को बच्ची ने काटा है उन सभी का जल्द से जल्द पूर्ण टीकाकरण करना होगा. इससे इस बीमारी का खतरा कम हो जाएगा.

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जानवर के काटने पर घरेलू नुस्खों के फेर में न फंसे

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डॉ रावत के मुताबिक, लोगों को लगता है कि रेबीज केवल कुत्ते के काटने से ही होता है, लेकिन ये बीमारी बिल्ली, घोड़ो और चमगाड़ के काटने से भी फैल सकती है. जानवरों के काटने पर कई मामलों में लोग घरेलू नुस्खों में लग जाते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. जानवर के काटने पर तुरंत रेबीज का टीका लेना जरूरी है.

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