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AIIMS के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, दो जुड़ी हुई बच्चियों को सर्जरी कर किया अलग, दिया जीवनदान

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धरती पर डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है. इस कहावत को दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने सही साबित किया है. एम्स के डॉक्टरों ने 11 महीने की जुड़वा बच्चियों की सफल सर्जरी की है. ये जन्म के समय से ही एक दूसरे से जुड़ी हुई थी. ऐसे में उनको काफी परेशानी होती थी. डॉक्टरों ने 9 घंटे तक चली सर्जरी के बाद इनको अलग किया है. इन दोनों बहनों का नाम रिद्धि-सिद्धि है. सर्जरी के बाद दोनों स्वस्थ हैं.रिद्धि-सिद्धि दोनों बहनों को एम्स में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने इनकी निगरानी की और तय किया था कि सही समय आने पर बच्चियों की सर्जरी की जाएगी. कई महीनों तक इनकी अलग-अलग तरह ही जांच की गई. जिसके बाद सर्जरी करने का फैसला किया गया. इस सर्जरी को एम्स के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम के नेतृत्व में किया गया है.

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पेट और छाती से जुड़ी हुई थी बच्चियां

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एम्स के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की एचओडी प्रोफेसर डा. मीनू वाजपेयी ने बताया कि ये बहनें पेट और छाती से जुड़ी हुई थीं. इससे इन दोनों का चेहरा एक दूसरे के सामने था. बच्चियों को करवट लेने और सोने में भी परेशानी होती थी. इनके माता-पिता को सर्जरी के बारे में बताया गया था. 11 महीने के दौरान कई टेस्ट किए गए जिसमें पता चला कि इनके लिवर का एक हिस्सा दूसरी से जुड़ा है. हालांकि बच्चियों के हार्ट की कोई आर्टरी आपस में जुड़ी नहीं थी. ऐसे में सर्जरी करने का प्लान किया गया. सर्जरी के दौरान पहले इनके लिवर के हिस्सों को अलग किया गया. उसके बाद छाती वाले एरिया को अलग किया गया. कुछ घंटे बच्चियों को निगरानी में रखा था. सर्जरी के बाद उनको कोई परेशानी नहीं हुई. अब वे स्वस्थ हैं. डॉ मीनू ने कहा कि एम्स में बीते कुछ दिनों में यह तीसरी बड़ी सर्जरी है.

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इन तरह की समस्या होने का कारण साफ नहीं

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डॉ. मीनू ने कहा कि इस तरह जुड़े हुए बच्चे होने के क्या कारण होते हैं इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं होती है. ये जेनेटिक कारण या अन्य किसी समस्या से हो सकता है. अगर किसी दंपति के इस तरह के बच्चे जन्म लेते हैं तो उन्हें इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में जाना चाहिए.

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खुद हैं माता-पिता

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रिद्धि-सिद्धि की सफल सर्जरी के बाद उनके माता-पिता काफी खुश हैं. इनके पिता अंकुर गुप्ता और मां दीपिका गुप्ता बरेली के हैं. पिता चप्पल की दुकान चलाते हैं. पिता अंकुर गुप्ता का कहना है कि एम्स के डॉक्टरों ने उनकी दोनों बेटियों को नया जीवन दिया है. वह काफी खुश हैं. उनकी बच्चियां अब स्वस्थ हैं. डॉक्टरों ने आगे फॉलोअप के लिए बुलाया है.

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