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राजधानी लखनऊ में मासूम बच्चों को गोद में लेकर महिला शिक्षक धरने पर बैठी हैं. महिला शिक्षकों का यह धरना एससीईआरटी कार्यालय पर ट्रासंफर को लेकर चल रहा है. दरअसल, महिला शिक्षकों का आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद उनको कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है. 69000 शिक्षकों की भर्ती में उन सभी को जॉइनिंग मिली थी. महिला शिक्षकों का कहना है कि मामला कोर्ट में भी नहीं है. उसके बावजूद फंसाया जा रहा है, जबकि सरकार ने साफ-साफ निर्देश दे दिया है कि शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया जाए. बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आए दिन कुछ न कुछ पेंच फंस ही जा रहे हैं, जिस कारण शिक्षक धरने पर बैठ जाते हैं. पहले-पहले नियुक्ति को लेकर महीनों धरना देना पड़ा और अब ट्रांसफर को लेकर धरने पर बैठना पड़ रहा है. कई जिलों से आईं महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ ट्रांसफर के बाद कार्यमुक्ति को लेकर धरने पर बैठी हुई हैं. उनके साथ इस कड़ी धूप में बच्चे भी एक प्रकार से धरना ही दे रहे हैं.
4000 महिला शिक्षकों का आदेश रुका, धरने पर बैठीं
दरअसल, बीते दिनों सरकार द्वारा खुद आदेश निकाला गया है कि जिस जिले में महिलाएं रहती हैं, उसी जिले में वो अपना ट्रांसफर ले सकती हैं, जिसमें शासन ने 16000 ट्रांसफर के आदेश दिए, लेकिन सिर्फ 12000 शिक्षकों को उनके जिले ट्रांसफर कर दिया गया और स्कूलों में अलॉटमेंट भी दे दिया गया. वहीं 69000 शिक्षकों की भर्ती में चयनित हुईं महिलाओं का भी ट्रांसफर किया गया, लेकिन उनको कार्यमुक्त नहीं किया गया. इनकी संख्या करीब 4000 है.
DG एजुकेशन विजय किरण आनंद मिलने को भी नहीं बुलाते
धरने पर बैठी महिला शिक्षकों का कहना है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी, जब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, तब तक वह यह धरना जारी रखेंगी. महिला शिक्षकों का कहना है कि DG एजुकेशन विजय किरण आनंद ने आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द उन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक कार्यमुक्त नहीं किया गया. हम लोग धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन वह मिलने को भी नहीं बुला रहे हैं.