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जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में 31 जुलाई को फायरिंग की घटना को अंजाम देने वाले आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन सिंह को आज दूसरी बार मुंबई के बोरिवली कोर्ट में पेश किया गया. अभी तक चेतन सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), इंडियन रेलवे ऐक्ट की धारा 152 के अलावा आर्म्स ऐक्ट लगाया गया है, लेकिन अब पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 363,341,342 और 153ए भी जोड़ दिया है. कोर्ट ने चेतन को 11 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.दरअसल, 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में ड्यूटी पर तैनात चेतन सिंह ने चाल लोगों की गोलीमारकर हत्या कर दी थी. घटना के कुछ देर बाद पुलिस ने चेतन को गिरफ्तार कर लिया था और अगले दिन यानी 1 अगस्त को बोलीवाली कोर्ट में पेश किया गया था. तब अदालत ने आरोपी चेनत को 7 अगस्त तक रेलवे पुलिस की हिरासत में भेज दिया था. आज हुई पेशी के दौरान जीआरपी ने चेतन की 7 दिनों की कस्टडी मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने केवल 5 दिन के लिए हिरासत में भेजा है.कोर्ट में चेतन बताया कि उसकी मानसिक स्थिति पर उस वक्त नियंत्रण नही था. उसे नहीं पता था की वो क्या कर रहा है. उसका न्यूरोलॉजिस्ट से इलाज चल रहा था. वहीं, चेतन के वकील की माने तो वीडियो सामने आने के बाद 153A सेक्शन जोड़ा गया है जो बेहद अहम है क्योंकि आरोप है कि उसके वीडियो में धार्मिक उन्माद की बाते सुनाई दे रही थी. वकील ने आरोप लगाया है कि चेतन से उसके परिवार वालों को नहीं मिलने दिया जा रहा है. पत्नी और मां उससे मिलना चाहती हैं, लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से मना कर दिया है.
क्या है धारा 153ए?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषाई, आदि के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्धाव को बिगाड़ने के मामले में लगाई जाती है. इसमें 3 साल तक का कारावास जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है.
क्राइम सीन रीक्रिएट करेगी पुलिस
जीआरपी ने आज कोर्ट में बताया कि उन्हें कई सबूत इकट्ठा करने है बयानों को पुख्ता तौर पर समझना है साथ ही चेतन ने 3 अलग-अलग बोगियों में क्यों जाकर फायरिंग की और 4 लोगों को मौत के घाट क्यों उतारा और वारदात को किस तरह से अंजाम दिया? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए वो क्राइम सीन रीक्रिएट करेगी. हालांकि, सवाल ये उठ रहा है कि जिस बोगी में गोलीबारी की घटना हुई है उसे उसी दिन धोकर दुबारा ट्रेन से अटैच कर दिया हया. ऐसे में अब उस बोगी में सीन को कैसे रीक्रिएट किया जाएगा और कैसे सबूत इकट्ठा किया जाएगा यह अपने आप में एक सवाल खड़े करता है.