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राजस्थान के कोटा में बच्चों के बढ़ते सुसाइड्स के मामलों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि कहा कि 9वीं और 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स को यहां के कोचिंग सेंटरों में एडमिशन करा दिया जाता है, जो एक क्राइम है क्योंकि बच्चों पर अधिक दबाव पड़ता है. सीएम गहलोत ने कोटा के कोचिंग सेंटर्स में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक समिति बनाने की घोषणा की.यह समिति 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. बता दें कि मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को जयपुर में कोचिंग सेंटर के मालिको के साथ एक बैठक की. इसमें कोटा के जितने भी नामचीन संस्थान हैं, सभी के मालिकों ने हिस्सा लिया.
आप कर रहे क्राइम, बच्चों पर ज्यादा दबाव- गहलोत
इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि आप नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को कोचिंग संस्थानों में दाखिला दिलाकर अपराध कर रहे हैं. यह माता-पिता की भी गलती है. छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं को पास करने और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने का बोझ है. यह सुधार का समय है क्योंकि हम युवा छात्रों को आत्महत्या करते हुए नहीं देख सकते. एक भी बच्चे की मौत माता-पिता के लिए बहुत बड़ी क्षति है.
इस महीने तीन छात्रों ने की आत्महत्या
बता दें कि कोटा में इस महीने यानी अगस्त 2023 में तीन छात्रों ने आत्महत्या की है. इस साल अबतक 8 महीनों में 22 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. पुलिस के डाटा के मुताबिक, साल 2022 में 15 छात्रों ने कोटा में आत्महत्या की थी. इससे पहले साल 2019 में और 2018 में 20 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. 2020 और 2021 में छात्रों की खुदकुशी का एक भी मामला सामने नहीं आया था.