REPORT TIMES
चिड़ावा। चारों और अंधेरा था। राम लक्ष्मण महर्षि विश्वामित्र के साथ जनकपुरी की ओर जा रहे थे। इसी दौरान अचानक भयंकर अट्टहास के साथ एक राक्षसी सामने आती है। विकराल रूप लिए राक्षसी कहती है ताड़क वन में रहती हूं, ताड़का मेरा नाम, ऋषि मुनियों को खाती हूं, यही है मेरा काम…फिर अट्टहास सुन कर राम विश्वामित्र की आज्ञा से आगे जाते है और ताड़का राक्षसी का वध करते है। ये दृश्य था कस्बे में साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश पचरंगिया मार्ग पर डालमियों के नोहरे में श्रीरामलीला परिषद की ओर से चल रही रामलीला के दौरान ताड़का वध की लीला का।
रामलीला में दूसरे दिन राम जन्म, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार, गंगा पूजन और पंडो से मिलन के बाद अमराई विश्राम तक की लीला का मंचन किया गया। इनमें राम बने पंकज वर्मा, लक्ष्मण बने अनूप हर्षवाल, दशरथ बने प्रियदर्शन जोशी, वशिष्ठ बने प्रवीण पलड़िया, विश्वामित्र बने महेंद्र भारतीय, पृथ्वी बने रवि भारतीय, कौशल्या बने ऋषिकेश कुमावत ने दमदार अभिनय किया।
वहीं कॉमेडियन मोतीलाल शर्मा और रमेश कोटवाल ने लोगों को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया। रामलीला निदेशक महेश धन्ना ने बताया कि बुधवार को सीता स्वयंवर, दशरथ – सतानंद संवाद, लक्ष्मण – परशुराम संवाद, बाणासुर – रावण संवाद, राम बारात, सीता विदाई तक की लीलाओं का मंचन होगा। वहीं गुरुवार को दशरथ कैकयी संवाद और राम वनवास तक की लीला का मंचन किया जाएगा। आपको बता दें कि मंगलवार को बारिश के कारण लीला नहीं हो सकी थी। ऐसे में दूसरे दिन की लीला का मंचन तीसरे दिन किया गया।
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