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राजस्थान में बीजेपी को बागियों का डर, कहीं अपने ही बिगाड़ न दें खेल

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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के मुकाबले राजस्थान में के सर्वे में बीजेपी सत्ता के ज्यादा करीब दिख रही है लेकिन पार्टी के कई ऐसे बागी नेता हैं, जिनकी वजह से पार्टी के भीतर एक भय का माहौल भी बना हुआ है. इस बीच बीजेपी ने प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी आखिरी सूची भी जारी कर दी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी कई ऐसे नेता हैं जिनकी वजह से पार्टी को नुकसान की आशंका सता रही है. वसुंधरा राजे के खासमखास रहे कई दिग्गज नेता बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. प्रदेश में हर पांच साल के बाद सरकार बदल जाती है, बीजेपी को इस रिवाज का भी भरोसा है और इस भरोसे पर आत्मविश्वास भी लेकिन लेकिन कई नेताओं के टिकट कटने से उनके बागी तेवर को देखते हुए बीजेपी को डर भी सता रहा है. इस मोर्चे पर बीजेपी को कांग्रेस पार्टी से भी ज्यादा भय दिख रहा है.

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बीजेपी के किन बागी नेताओं ने भरा नामांकन

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जिन बागी नेताओं ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन भरा है वे हैं, कोटा से भवानी सिंह राजावत, शाहपुरा से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, डीडवाना से पूर्व मंत्री यूनुस खान, झोटवाड़ा से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत. ये चारों अपने-अपने इलाके में प्रभुत्व वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं. जीतेंगे या हारेंगे- ये तो बाद में पता चलेगा लेकिन फिलहाल अनुमान साफ है कि ये नेता अपने क्षेत्रों में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए मुसीबत पैदा कर सकते हैं. बीजेपी की राह में कांटे बिछाने के लिए इन चारों नेताओं के अलावा कई और भी नेता हैं जिन्होंने टिकट कटने पर बीजेपी आलाकमान के निर्णय के विरुद्ध बागी बनकर अपना-अपना नामांकन भर दिया है. ये नेता हैं- बस्सी से जितेन्द्र मीणा, ये संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर के समर्थक माने जाते हैं. सवाई माधोपुर से निर्दलीय प्रत्याशी आशा मीणा भी वसुंधरा राजे की समर्थक मानी जाती हैं. इन्होंने बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा के खिलाफ पर्चा भर दिया है.

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ज्यादातर वसुंधरा गुट के हैं बागी उम्मीदवार

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राजेंद्र राठौड़ गुट के कैलाश मेघवाल के अलावा राजेन्द्र भाम्बू और बामनवास से प्रदेश किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री रामावतार ने निर्दलीय नामांकन किया है. इन्हें भी वसुंधरा समर्थक माना जाता है. वसुंधरा गुट के कुछ और बड़े नेता मसलन चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान आक्या, खंडेला से बंसीधर बाजिया, सुमेरपुर पाली से मदन राठौड़ ने भी स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा है जो कि बीजेपी प्रत्याशियों के लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं. वहीं डग से पूर्व विधायक रामचंद्र सुनारीवाल ने नामांकन दाखिल कर दिया है, जो कि लोकसभा स्पीकर के नजदीकी बताए जाते हैं. कुल मिलाकर 15 से ज्यादा ऐसे नाम हैं जो बीजेपी के उम्मीदवारों का मंसूबा बिगाड़ सकते हैं. क्योंकि इन उम्मीदवारों का निशाना कांग्रेस पार्टी ही नहीं बल्कि बीजेपी भी होगा. इनमें ज्यादातर प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक बताए जा रहे हैं.

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