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राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है. इस बीच कांग्रेस कमेटी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोमवार को राज्य में पार्टी के कई सीनियर नेताओं को चेतावनी पत्र जारी किया है. यह पत्र उन नेताओं को जारी किया गया है जो कथित तौर पर भीतर-भीतर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के बजाय किसी अन्य उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे और उनके लिए वोट भी मांग रहे थे.पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अब रंधावा ने ऐसे नेताओं को चेतावनी जारी करते हुए उनसे आधिकारिक उम्मीदवार का समर्थन करने और पार्टी के पक्ष में चल रहे चुनाव प्रचार अभियान में शामिल होने को कहा है. पत्र में कहा गया है कि अगर अगले दो दिन में बागी उम्मीदवार चुनाव से पीछे नहीं हटे और सीनियर नेता प्रचार में नहीं उतरे तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस से बगावत करने वाले करीब 15-20 उम्मीदवार चुनाव में उन उम्मीदवारों के लिए मुसीबत बन रहे हैं जिन्हें पार्टी ने मैदान में उतारा है. कांग्रेस नेतृत्व को यह डर सता है कि अगर बागी नेताओं को समय रहते मनाया नहीं गया तो उससे पार्टी को करीब दो दर्जन सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है.
करीब 35 बागी मैदान में
बता दें कि राजस्थान में इस बार बीजेपी और कांग्रेस से बागी होने वाले करीब 35 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. इन उम्मीदवारों की लड़ाई पार्टी के अपने ही नेताओं के खिलाफ है. पार्टी से टिकट नहीं मिला तो ये नेता निर्दलीय ताल ठोक चुके हैं. 2018 के चुनाव में भी कुछ इसी तरह की स्थिति देखने को मिली थी तब 10 से अधिक निर्दलीय उम्मीदवार जीत भी दर्ज किए थे. हालांकि, बाद में अधिकतर को अशोक गहलोत ने अपने पाले में ले लिया था.
25 नवंबर को वोटिंग
राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. हर बार की तरह मुकाबला इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. एक तरफ सीएम अशोक गहलोत सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी को उस रिवाज पर भरोसा है, जिससे राजस्थान में हर पांच साल में सत्ता बदल जाती है.