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मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अब INDIA गठबंधन के घटक दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान ही समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और कांग्रेस नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हुई थी और अब चुनाव परिणाम आने के बाद अन्य घटक दल तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कांग्रेस की हार है, जनता की नहीं. इसके साथ ही ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें छह दिसंबर को इंडिया गठबंधन की होने वाली बैठक की उन्हें जानकारी नहीं है. यदि जानकारी होती, तो वह बैठक में शामिल होती. बता दें कि इंडिया गठबंधन की यह बैठक 6 दिसंबर यानी अगले बुधवार को होगी. तीन राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने यह बैठक बुलाई है. पटना, बेंगलुरु, मुंबई के बाद यह बैठक दिल्ली में होगी, लेकिन बैठक होने के पहले ही इसे लेकर विवाद पैदा हो गया है. ममता बनर्जी ने कोलकाता में राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “किसी ने मुझे फोन पर नहीं बताया है. मुझे नहीं पता है कि बैठक कब और कहां हो रही है? मैंने प्रोग्राम पहले ही तय कर लिया है. यदि मुझे पहले बताया गया होता तो मैं इसकी व्यवस्था करती और अब करने को कुछ नहीं है. जब मुझे ही नहीं पता तो मेरी टीम में कौन जाएगा, ये सवाल ही कहां से उठ रहे हैं.”
बैठक से टीएमसी ने बनाई दूरी?
बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन बनाया है. अलग-अलग राज्यों में गठबंधन कई बैठकें हुईं. ऐसे नेता भी एक मंच पर नजर आए, जो वैचारिक रूप से राजनेताओं से मिलते जुलते नहीं हैं. तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी इंडिया गठबंधन की 14 सदस्यीय संचालन समिति के सदस्यों में एक हैं. सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी के साथ-साथ अभिषेक बनर्जी को भी बैठक की जानकारी नहीं है, हालाींकि वह संचालन समिति में हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के सवाल हैं कि इंडिया के साझेदारों में से एक होने के बावजूद तृणमूल को बैठक की जानकारी क्यों नहीं है? ऐसे में ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि वह खुद बैठक में शामिल नहीं हो रही हैं और न ही अन्य कोई नेता इसमें शामिल होंगे. ऐसे में साफ है कि वह गठबंधन से दूरी बना रही हैं.
हार का जिम्मा कांग्रेस के माथे फोड़ा
दूसरी ओर, आज ही ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में हार पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि यह जनता की नहीं, कांग्रेस की हार है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की जीत इसलिए हुई है, क्योंकि गठबंधन के पार्टियों ने एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ा है. बता दें कि इसके पहले गठबंधन की जब बैठक हुई थी, तो जातीय जनगणना के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस ने असहमति जताई थी. वहीं ममता बनर्जी ने बंगाल में कांग्रेस को केवल दो सीटें देने का प्रस्ताव दिया था. इस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी. वहीं अन्य घटक दल माकपा पहले भी ऐलान कर चुका है कि बंगाल में टीएमसी के साथ उनका समझौता नहीं होगा. वे अलग चुनाव लड़ेंगे. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद घटक दलों की यह तकरार और भी बढ़ गई है.