REPORT TIMES
राजस्थान के जयपुर में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या मामले में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी रोहित राठौड़, नितिन फौजी और उसे सहयोग करने वाले उधम को पुलिस ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है.जयपुर पुलिस एक आरोपी नितिन फौजी को जयपुर ले आई है. वहीं रोहित और उधम से दिल्ली क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है. प्रारंभिक जांच और पूछताछ में पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे हुए हैं. अपराधियों ने पुलिस को बताया कि वारदात के एक दिन पहले उन्होंने फिल्म एनिमल देखी थी. पुलिस की जांच में सामने आया कि लॉरेंस गैंग से जुड़े बदमाश वीरेंद्र ने ही दोनों शूटरों से संपर्क किया था. वीरेंद्र ने नितिन और रोहित राठौर को गोगामेड़ी की हत्या का टास्क दिया था. नितिन को गोगामेड़ी के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी. वीरेंद्र ने घटना के दिन ही नितिन को सुखदेव सिंह गोगामेडी की फोटो दिखाई गई थी और उसे बस यही बताया था कि एक बड़ी वारदात करनी है.
रामवीर और नितिन दोनों साथ पढ़े हैं
राजस्थान के एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि कल शाम को जब पुलिस ने नितिन फौजी के दोस्त हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी रामवीर को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि रामवीर और नितिन दोनों साथ पढ़े हैं. 12वीं पास करने के बाद नितिन फौजी 2020 में सेना में भर्ती हो गया और रामवीर जयपुर में रहकर पढ़ाई करने लगा. एमएससी पूरी होने पर कुछ दिन पहले ही रामवीर गांव आया था, जहां छुट्टियों पर आए नितिन फौजी से उसकी मुलाकात हुई.
4 दिसंबर को उन्होंने एनिमल फिल्म देखी
रामवीर से पूछताछ के बाद सामने आया कि वारदात से पहले उसका दोस्त नितिन फौजी जयपुर आया था और यहां पहुंचते ही उससे संपर्क किया था. रामवीर ने घटना से पहले 3 दिसंबर को नितिन को महेश नगर के कीर्ति नगर में रुकवाया. उसके बाद अगले दिन गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पास होटल में ठहरा. कुछ समय प्रताप नगर क्षेत्र में भी यह रहे और 4 दिसंबर को उन्होंने एनिमल फिल्म देखी. इसके बाद 5 दिसंबर को नितिन रोहित से मिला और वारदात को अंजाम दे दिया. वारदात के बाद शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौर ने सड़क पर एक युवक से स्कूटी छीनी और अजमेर रोड पहुंचे. वहां से रामवीर बाइक पर दोनों को बगरू टोल प्लाजा के आगे तक लेकर गया, जहां से दोनों रोडवेज बस में सवार होकर फरार हो गए. पुलिस की जांच में सामने आया कि रामवीर ही गांव में नितिन की पत्नी को उससे मिलाने के लिए लाया था. उसी ने नितिन को मोबाइल और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई थीं. कुछ दिन रुकने के बाद नितिन फौजी गैंग के किसी अन्य सदस्य के पास चला गया. साथ ही नितिन ने रामवीर को कहा कि वह फिर आएंगे. पुलिस की जांच में सामने आया कि नितिन पर हरियाणा में पुलिस पर फायरिंग का केस दर्ज था. जयपुर में वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाशों को विदेश भागने में सहयोग करने का लालच दिया गया था. लेकिन नितिन विदेश भागता, उससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया.
बदमाशों की गिरफ्तारी में इनकी रही अहम भूमिका
इस हाईप्रोफाइल हत्याकांड में पुलिस की टीम ने कड़ी मेहनत कर पूरे मामले का खुलासा किया. राजस्थान के एडीजी क्राइम दिनेश एमएन और जयपुर कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के सुपरविजन में 200 पुलिसकर्मियों की 2 दर्जन टीमें बनाई गई थीं. 1 दर्जन टीमों को रेड करने के लिए बाहर भेजा गया, बाकी 1 दर्जन टीमों को संदिग्धों की सीसीटीवी फुटेज,लोकेशन और कॉल डिटेल एनेलिसिस का टास्क दिया गया था.