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जयपुर में फिर बढ़ी हलचल, करीब 10 विधायकों ने की वसुंधरा राजे से मुलाकात, कब होगा CM का ऐलान?

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राजस्थान में सीएम पर सस्पेंस के बीच रेस में शामिल वसुंधरा राजे अपनी तमाम कोशिशों में जुटी हैं. वह अपने समर्थक विधायकों के साथ लगातार मीटिंग कर रही हैं. आज फिर से 13 सिविल लाइंस पर हलचल है और वसुंधरा राजे जयपुर पहुंच चुकी हैं. कुछ विधायक भी उनसे मिलने पहुंचे हैं. वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनने के लिए तमाम जद्दोजहद कर रही हैं. वसुंधरा राजे को इस बीच दिल्ली भी बुलाया गया लेकिन कथित रूप से फिर भी उनके तेवर में कोई कमी नहीं देखी जा रही है. आज जयपुर में वसुंधरा समर्थक डेगाना विधायक अजय सिंह किलक, शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़, बिलाड़ा विधायक अर्जुन लाल गर्ग, कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी उनसे मिलने पहुंचे. बताया जा रहा है कि कम से कम 10 विधायक आज उनसे मिलने उनके घर पहुंचे हैं.

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199 में 115 सीटों पर बीजेपी ने दर्ज की जीत

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वसुंधरा राजे से जयपुर में उनके आवास पर हालिया चुनाव में जीत कर आने वाले विधायक और पूर्व विधायक भी मुलाकात करने पहुंचे. राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए, जिसमें बीजेपी ने 199 में से 115 सीटें हासिल कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया. हालांकि, एक हफ्ते बाद भी मुख्यमंत्री के चयन को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. इस देरी के लिए कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है दिल्ली से राजस्थान तक फैली वसुंधरा राजे सिंधिया की राजनीतिक बिसात. ऐसा लगता है कि बीजेपी नेतृत्व के सामने वसुंधरा राजे को लेकर हालात बड़े चुनौतिपूर्ण हैं. हालांकि, पार्टी उन्हें कमजोर नहीं करना चाहती, लेकिन ऐसा भी लग रहा है कि पार्टी उन्हें दरकिनार भी नहीं कर पा रही है.

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बेटे पर विधायकों को रिसॉर्ट ले जाने का आरोप

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ऐसे दावे किए गए हैं कि वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह अपने समर्थक विधायकों को एक रिसॉर्ट में ले गए, जिससे कथित रूप से केंद्रीय नेतृत्व को नकारात्मक संदेश गया. वसुंधरा राजे की राजनीति में हालिया बदलाव से भी केंद्रीय नेतृत्व कहा जा रहा है कि नाखुश है. कहा जाता है कि वह पहले पांच साल तक केंद्रीय नेतृत्व से दूरी बनाए रखी थी, लेकिन अब केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उन्हें भूमिका देने की अनिच्छा के बावजूद, वह मुख्यमंत्री के रूप में अपनी नियुक्ति के लिए सक्रिय रूप से दबाव बना रही हैं.

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